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जामा मस्जिद दिल्ली में है, पाक में नहीं, जो ऐसा बर्ताव कर रहे : जज

locationजयपुरPublished: Jan 15, 2020 12:50:05 am

Submitted by:

Vijayendra

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन: दिल्ली पुलिस को फटकार
 

जामा मस्जिद दिल्ली में है, पाक में नहीं, जो ऐसा बर्ताव कर रहे : जज

जामा मस्जिद दिल्ली में है, पाक में नहीं, जो ऐसा बर्ताव कर रहे : जज

नई दिल्ली. भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने मंगलवार को पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि जामा मस्जिद के सामने शांतिपूर्वक प्रदर्शन होने देने में उन्हें दिक्कत क्या थी। दिल्ली पुलिस ने जब कोर्ट से कहा कि किसी भी प्रदर्शन के लिए इजाजत की जरूरत होती है। इस पर जज कामिनी लाऊ ने कहा, कैसी इजाजत? आप ऐसे व्यवहार कर रहे हैं, जैसे जामा मस्जिद पाकिस्तान में हो। अगर जामा मस्जिद पाकिस्तान में है, तो भी नागरिक वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकते हैं। लोग सडक़ों पर इसलिए हैं, क्योंकि जो संसद में कहा जाना चाहिए वह नहीं कहा जाता। जज ने आगे कहा, ‘मैंने कई ऐसे लोग और कई मौके देखें हैं जब संसद के बाहर भी प्रदर्शन हुए हैं।’ इसके साथ ही कोर्ट ने चंद्रशेखर की जमानत याचिका पर सुनवाई को बुधवार तक के लिए स्थगित कर दिया।

कोर्ट की खरी-खरी
-हमारे पास अपने विचार जाहिर करने का पूरा अधिकार है, लेकिन हम अपने देश को तबाह नहीं कर सकते हैं।
-पुलिस ने जब कोर्ट से कहा कि हमने केवल ड्रोन से तस्वीरें ली हैं और कोई रेकॉर्डिंग नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा- क्या आप सोचते हैं कि दिल्ली पुलिस इतनी पिछड़ी है कि उसके पास रेकॉर्डिंग के उपकरण भी नहीं हैं।
-दिल्ली पुलिस के जांच अधिकारी हर उस सबूत को रेकॉर्ड में लाएं, जो यह साबित करते हों कि चंद्रशेखर रावण ने जामा मस्जिद पर प्रदर्शन के दौरान भडक़ाऊ भाषण दिया।
-मुझे कोई भी ऐसी चीज या ऐसा कानून बताइए, जो इस तरह के जमावड़े को रोकता हो। हिंसा कहां हैं? कौन कहता है कि आप प्रदर्शन नहीं कर सकते..। क्या आपने संविधान पढ़ा है। प्रदर्शन नागरिक का संवैधानिक अधिकार है।
रिसर्च के बाद ही उठाएं कोई मुद्दा
कोर्ट ने कहा कि अगर आप (दिल्ली पुिलस) कोई मुद्दा उठाते हैं तो आपको रिसर्च करनी चाहिए और वह यहां नहीं हुई। अदालत ने कहा कि आजाद कानून का छात्र है। वह कोर्ट के भीतर भी प्रदर्शन कर सकता है। वह एक अंबेडकरवादी है। अंबेडकर मुस्लिम, सिखों और मूलरूप से समाज के दबे-कुचले वर्ग के करीब थे। हो सकता है कि आजाद क्या कहना चाहता है, इसका एक धुंधला सा विचार उसके पास हो… और वो सही तरीके से इसे रख न पा रहा हो।
यह है मामला
दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोमवार को जमानत के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका में दायर दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाया है और गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया। मंगलवार को कोर्ट ने आजाद की याचिका पर सुनवाई की। आजाद ने दावा किया कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ जो आरोप लगाए हैं वे ‘आधारहीन’ और ‘अजीब’ हैं। आजाद की जमानत याचिका वकील महमूद प्राचा के जरिए दाखिल की गई।
पहला राज्य बना
केरल सरकार पहुंची सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली
नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य बन गया है। केरल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इसे संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया है। इससे पहले केरल में सीएए लागू नहीं करने का प्रस्ताव विधानसभा में पास हो चुका है। केरल के सीएम पी. विजयन ने 3 जनवरी को राजस्थान सहित 11 मुख्यमंत्रियों को चि_ी लिखकर सीएए का विरोध करने की अपील की थी।
शाहीन बाग प्रदर्शन

जनहित को ध्यान में रखकर कार्रवाई करे पुलिस

नई दिल्ली. दिल्ली के शाहीनबाग इलाके में वाहनों की आवाजाही शुरू करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया कि कानून- व्यवस्था और जनता के हित को देखते हुए कार्रवाई की जाए। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों की परेशानी देखते हुए कानून-व्यवस्था के तहत पुलिस कभी भी सडक़ खाली करा सकती है। उल्लेखनीय है कि सीएए को लेकर इलाके में करीब एक महीने से प्रदर्शन हो रहे हैं। शाहीन बाग-कालिंदी कुंज सडक़ बंद है।
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