गौरतलब है कि जयपुर से सटे नींदड़ इलाके के किसानों का जयपुर विकास प्राधिकरण से पुराना विवाद है। जेडीए नींदड़ आवासीय योजना के लिए किसानों से जमीन ले रहा है। जबकि किसान अपनी मांगों को पूरा किए बिना जमीन देने को तैयार नहीं है। इसलिए वर्ष 2017 में भी किसानों और जेडीए के बीच टकराव हुआ था। किसान डेढ़ महीने तक जमीन समाधि सत्याग्रह पर बैठे थे। किसानों का अनूठे तरीके से किया गया सत्याग्रह भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के मीडिया की सुखियां बना था। लेकिन किसानों को उनका हक नहीं मिला था। तत्कालीन सरकार और जेडीए प्रशासन ने किसानों को उनकी मांगे मानने का भरोसा दिलाकर सत्याग्रह खत्म करवाया था।
जेडीए जोन उपायुक्त-12 मनीष फौजदार का कहना है कि नींदड आवासीय योजना से प्रभावित काश्तकार जिन्होंने भूमि समर्पित की है। उन्हें जल्द ही आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे। ऐसे काश्तकार जिन्होंने भूमि समर्पित नहीं की है, उन्हें सहमति के आधार पर समर्पण करवाकर आरक्षण पत्र जारी किए जाएंगे। किसानों को 20 प्रतिशत आवासीय भूखण्ड और 5 फीसदी व्यवसायिक भूखण्ड दिए जाएंगे। प्रस्तावित नींदड आवासीय योजना जो कि 327 हैक्टेयर में प्रस्तावित है, कि अवाप्ति (धारा 4) 4 जनवरी 2010 को गई थी। इस योजना का अवार्ड 31 मई 2013 को किया गया था। योजना के लिए 286.27 हैक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है। शेष 41.45 हैक्टेयर भूमि जविप्रा की स्वंय की भूमि है। खातेदारों ने जयपुर विकास प्राधिकरण के पक्ष में 122 हैक्टेयर भूमि समर्पित की है और 41.27 हैक्टेयर भूमि का नकद मुआवजा सिविल कोर्ट में जमा कराया जा चुका है।