पाकिस्तान के पीएम इमरान ने कबूला, अमेरिका के कहने पर लगाई आतंक की फैक्ट्री
जयपुरPublished: Sep 13, 2019 04:25:08 pm
कश्मीर(Jammu & Kashmir) से अनुच्छेद 370(Article 370) हटने के बाद पाकिस्तान (Pakistan)जहां एक तरफ बौखलाया हुआ है और पाकिस्तान की सरकार पीओके (Pok)को लेकर चिंता में नजर आ रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का कबूलनामा अपने-आप में बड़ी बात है। आखिरकार पाकिस्तान के पीएम ने कबूला कि पाकित्सान में आतंक की फैक्ट्री (Terror Camp)चल रही थी
पाकिस्तान के पीएम इमरान ने कबूला, अमेरिका के कहने पर लगाई आतंक की फैक्ट्री
कश्मीर (Jammu & Kashmir)से अनुच्छेद 370(Article 370) हटने के बाद पाकिस्तान जहां एक तरफ बौखलाया हुआ है और पाकिस्तान (Pakistan)की सरकार पीओके को लेकर चिंता में नजर आ रही हैं। ऐसे में पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का कबूलनामा अपने-आप में बड़ी बात है। आखिरकार पाकिस्तान के पीएम ने कबूला कि पाकिस्तान में आतंक की फैक्ट्री चल रही थी। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कबूल कर लिया है कि कई कुख्यात आतंकी संगठन उनके मुल्क की जमीन पर पैदा हुए और पले-बढ़े। इमरान ने स्वीकार किया है कि सोवियत संघ के जमाने में पाकिस्तान ने आतंकियों को ट्रेनिंग दी थी। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इन आतंकी संगठनों के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। इमरान ने कहा, ’80 के दशक में जब सोवियत संघ ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया तो इन मुजाहिदीनों को जिहाद के लिए तैयार किया गया। इसकी फंडिंग अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने की थी।’
इमरान ने कहा, ‘एक दशक के बाद जब अमेरिकी खुद अफगानिस्तान में आ गए तो यह जिहाद नहीं आतंकवाद हो गया। यह बड़ी विडंबना है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान को न्यूट्रल रहना चाहिए था क्योंकि इन संगठनों में शामिल होना हमारे लिए नुकसानदेह साबित हुआ और हमने अपने 70 हजार लोगों को खो दिया। हमें 100 अरब डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ।’ इमरान ने कहा कि अंत में अमेरिकियों ने पाकिस्तान को नाकामी का सेहरा पहना दिया। उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के साथ गलत हुआ।आपको बता दें है कि बीते कुछ सालों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में काफी गिरावट आई है। एक समय वह भी था जब अमेरिका जंग के दौरान पाकिस्तान को हथियार और अन्य चीजें मुहैया कराता था, उसका समर्थन करता था, लेकिन आज मामला पूरी तरह बदल गया है। आज भारत और अमेरिका के रिश्ते बेहतर होते जा रहे हैं, जबकि पाकिस्तान को अमेरिका ने तवज्जो देना ही कम कर दिया है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के प्रति अमेरिका के रुख ने भी सब जाहिर कर दिया था।