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बैंक के मर्ज ने बढ़ा दिया जननी का दर्द

locationजयपुरPublished: Oct 15, 2017 11:10:13 pm

Submitted by:

Ramakant dadhich

प्रसूताओं को नहीं मिल रहा छह माह से सरकारी योजनाओं का लाभ।

janani problem
जयपुर . राज्य का चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग गर्भवतियों व प्रसूताओं की योजनाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि इन योजनाओं का लाभ इनको मिल ही नहीं रहा है। बधाल राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव कराने वाली महिलाओं का भुगतान छह माह से अटका है, इससे इन प्रसूताओं में ऐसी योजना के खिलाफ रोष है।
जानकारी अनुसार बधाल के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में राजस्थान मरूधरा ग्रामीण बैंक के माध्यम से जननी सुरक्षा योजनान्तर्गत भुगतान किया जाता था। लेकिन छह माह से प्रसूताओं को भुगतान नहीं दिया गया है। प्रसूताओं व इनके परिजनों में रोष है। वहीं भुगतान को लेकर चिकित्सालय मेें आए दिन हाथापाई की नौबत आ रही है। इधर, केन्द्र प्रभारी डॉ. एनआर प्रजापत ने बताया कि संस्थान में होने वाले भुगतान ओजेएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है। इसके लिए बैंक का आईएफएससी नम्बर के अलावा लोकेशन कोड अपडेट करना पड़ता है। लेकिन बैंक लोकेशन कोड के अभाव में समस्या बनी हुई है। हमने बैंक के आलाधिकारियों को समस्या से अवगत करवाकर समाधान की मांग कर रखी है।
लोकेशन कोड उपलब्ध नहीं

उन्होंने बताया कि भुगतान में पहले कोई परेशानी नही होती थी, लेकिन जबसे आरएमजीबी को एसबीआई के अधीनस्थ किया गया है, जब से लोकेशन कोड उपलब्ध नहीं हो रहा है। इससे नेट पर बधाल में यह बैंक दर्शाता ही नहीं है। जबकि बैंक लोकेशन के अभाव के चलते जननी सुरक्षा, शुभलक्ष्मी, राजश्री योजनाओं सहित 135 प्रकार के भुगतान लंबित चल रहे है। इधर, केन्द्र पर आकर पीडि़त आक्रोश जता रहे है। बैंक प्रबंधक एन.एस. राठौड़ ने बताया कि पहले बैंक एसबीबीजेे बैंक के अधीन काम कर रहा था, जब तक सब ठीक था, लेकिन अप्रेल से बैंक नवीन अनुबंध के चलते एसबीआई के अधीन काम करने लगा है। इससे (आरपीपी) राजस्थान पेमेन्ट प्रोसेस का काम अभी अधूरा है। दो-चार दिन में ही कार्य पूरा कर लोकेशन कोड जारी हो जाएगा। इससे समस्या का समाधान हो जाएगा।
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