लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और चर्च के बीच बड़े स्तर पर संबंध तब सामने आए, जब जुलाई में पूर्व पीएम शिंजो आबे की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। संदिग्ध ने तब पुलिस को बताया कि उसने आबे के यूनिफिकेशन चर्च से जुड़ाव के कारण उनकी हत्या की क्योंकि चर्च की अनुयायी उसकी मां चर्च को बहुत पैसा दे चुकी थी। इसके बाद एलडीपी के दर्जनों मंत्रियों व सदस्यों के इस चर्च व संबंधित संगठनों के साथ संबंध उजागर हुए हैं।
दक्षिण कोरिया में बना स्थापित हुआ चर्च संगठन, आबे के दादा लाए जापान
यूनिफिकेशन चर्च को 1954 में दक्षिण कोरिया में स्थापित किया गया था और यह एक दशक बाद जापान आया। इसने साम्यवाद का विरोध करने के अपने साझा हितों पर कई रूढ़िवादी सांसदों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए हैं। आबे के दादा और पूर्व प्रधान मंत्री नोबुसुके किशी एक प्रमुख व्यक्ति थे जिन्होंने 1968 में टोक्यो में चर्च की राजनीतिक इकाई को स्थापित करने में मदद की थी। 1980 के दशक के बाद से, चर्च को धार्मिक वस्तुओं की बिक्री और दान के आरोपों का सामना करना पड़ा है, जो अक्सर अनुयायियों के परिवारों पर वित्तीय तनाव बढ़ाता है। ऐसी ही समस्या में फंस कर शिंजो आबे के हत्यारे ने यह कदम उठाया था। ऐसे में यूनिफिकेशन चर्च के साथ संबंधों को खत्म करने के लिए एलडीपी ने कदम उठाया है।