विमोचन के अवसर पर डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि पोर्टफोलियो में शामिल कलाकारों ने प्रादेशिक कला संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन के लिए महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं। यह प्रकाशन पद्मश्री से नवाजे गए कलाकारों के प्रति एक सार्थक सम्मान है, जो विद्यार्थियों, कलाकारों एवं सुधी पाठकों के लिए बेहतरीन संदर्भ का कार्य करेगा। कल्ला ने कहा कि राजस्थान के हर क्षेत्र में कला के तत्व मौजूद है, जिनमें लोक कलाएं अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। राजस्थान के गांवों, शहरों में घरों एवं जगह-जगह मांडणे बनाएं जाते रहे हैं। मांडणा लोक व्यवहार, लोक संस्कृति एवं धार्मिक अनुष्ठानों का प्रतीक है। राजस्थान के विभिन्न अंचलों में भांति-भांति के मांडणे बनाए जाने की परम्परा रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रकाशन इस लुप्त प्रायः कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण साबित होगा।
‘मास्टर आर्टिस्ट्स ऑफ राजस्थान‘ पोर्टफोलियो में कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रसिद्ध कलाकारों पर लिखे आलेख एवं कलाकृतियों के चित्र शामिल किए गए हैं। इसमें कृपाल सिंह शेखावत, रामगोपाल विजयवर्गीय, हिसामुद्दीन उस्ता, कुदरत सिंह, श्री लाल जोशी, रामकिशोर छीपा, अर्जुन प्रजापति, मोहन लाल कुम्हार, शाकिर अली, महेश राज सोनी एवं श्री तिलक गिताई के नाम शामिल हैं। मांडणा पर आधारित पोर्टफोलियो में मांडणा कला पर सारगर्भित आलेख के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्र के मांडणा चित्रों को शामिल किया गया है।