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कांग्रेस ने हमेशा गिराया सेना का मनोबल, इन्हें डर था कि सेना तख्तापलट ना कर दे

locationजयपुरPublished: Jul 08, 2020 08:35:35 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने कहा है कि पं. नेहरू से लेकर जब तक कांग्रेस का राज रहा। इन्होंने हमेशा सेना का मनोबल गिराया। इन्हें यही डर सताता रहा कि कहीं सेना इनका तख्तापलट ना कर दे।

कांग्रेस ने हमेशा गिराया सेना का मनोबल, इन्हें डर था कि सेना तख्तापलट ना कर दे

कांग्रेस ने हमेशा गिराया सेना का मनोबल, इन्हें डर था कि सेना तख्तापलट ना कर दे

जयपुर।

केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने कहा है कि पं. नेहरू से लेकर जब तक कांग्रेस का राज रहा। इन्होंने हमेशा सेना का मनोबल गिराया। इन्हें यही डर सताता रहा कि कहीं सेना इनका तख्तापलट ना कर दे। सिंह बुधवार को राजस्थान भाजपा की वीसी एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से ‘वर्तमान परिदृश्य में भारत और चीन सम्बन्ध’ विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने भारत-चीन रिश्तों को लेकर ऐतिहासिक परिवेश, 1962 एवं उसके बाद के हालात को लेकर कार्यकर्ताओं को जानकारी दी।
सिंह ने कहा कि चीन के साथ पंचशील समझौते को लेकर जवाहरलाल नेहरू बैचेन थे। उन्होंने लगता था कि इस समझौते से सीमा से जुड़े सभी विवादों का हल हो जाएगा, लेकिन इसके उलट चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और लगातार सीमा पर जमीन विवादों को बढ़ावा देता रहता है। उन्होंने कहा कि भारत को लेकर चीन के सीमा विवाद के दावे झूठे हैं। सीमा पर 1959 से चीन क्लेम लाइन को लेकर बढ़ावा देता रहा है, जिसका हर मोर्चे पर भारतीय सेना ने माकूल जवाब दिया। 1962 में भी नाथुला दर्रे पर हमारी सेना ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया।
दुष्प्रचार कर रहे हैं विपक्षी दल

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सिंह ने कहा कि विपक्षी दल भारत-चीन मामले का इस तरह से दुष्प्रचार कर रहे हैं जैसे कि चीन ने विपक्षी दलों की खरीद-फरोख्त कर ली है। जबकि सच ये है कि एलएसी पर पिछले दिनों हमें दबाने की कोशिश की गई, लेकिन हमारी सेना के वीर जवानों ने डटकर मुकाबला किया।
कांग्रेस को बोलने का हक नहीं

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने कहा कि कांग्रेस को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में कुछ भी कहने का हक नहीं है। 1962 में देश ने कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व को देखा। जिसके कारण ही चीन हमें बार-बार आंखे दिखाता रहा। नेहरू के समय हिन्दी-चीनी भाई-भाई का नारा दिया जाता था, जिसके बदले में हमें धोखा मिला। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने भी अपनी बात रखी।
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