परिचालक शिवराज घासल ने बताया कि बस से उतरकर देखा तो बस के पीछे का टायर नहीं था। पीछे दो टायर लगे होते हैं। लेकिन एक ही टायर लगा था। बस के पीछे 100 मीटर की दूरी पर दूसरा टायर पड़ा था। इधर बस के टायर निकलने की घटना का पता चलते ही यात्रियों ने हंगामा मचा दिया। चालक और परिचालक ने यात्रियों को बस से उतार दूसरी लो-फ्लोर बस में बिठाकर भेजा। लो फ्लोर बस एसी नंबर 2 महात्मा गांधी से जोशी मार्ग के लिए चलती है। शाम चार बजे बस गोपालपुरा मोड पर पहुंची थी।
हादसे का कारण : बिना मेंटिनेंस चल रही बस हादसे के पीछे सबसे बड़ी जगह हैं कि जेसीटीएसएल की ओर से मेंटिनेंस कर रही फर्मों पर लगाम नहीं कसी जा रही है। कोई देखरेख नहीं होने के कारण बसों को बिना मेंटिनेंस ही डिपो से रूट पर भेजा जा रहा है। जिस बस का टायर निकला वह विद्याधर नगर डिपो की बस थी, यहां पर मेेंटिनेंस का काम मातेश्वरी फर्म करती है। पिछले ही महीने प्रबंधन की ओर से साढ़े पांच करोड़ का भुगतान फर्म को किया गया है। लेकिन बसों की मेंटिनेंस में लापरवाही बरती जा रही है। वहीं जेसीटीएसएल की ओर से कोई पैनल्टी नहीं लगाई जा रही।
पिछले दिनों ये बड़ी घटनाएं हो चुकी
टोंक रोड पर महारानी कॉलेज के पास लो-फ्लोर बस का ब्रेक फेल हो गया पुरानी चुंगी के पास एक लो-फ्लोर का गेयर निकलकर हाथ में आ गया
मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास चलती लो-फ्लोर बस के टायर में आग लग गई
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