जेसीटीएल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विपिन चौधरी का कहना है कि वह कई बार प्रशासन से लेकर सरकार तक को पत्र लिखकर समस्या से अवगत करवा चुके है। इसमें कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने के कारण आ रही समस्या के बारे में बता चुके है लेकिन फिर भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
कर्मचारी संघ के जनसंपर्क सचिव महेश ओला ने बताया कि फरवरी माह का आधा वेतन तो मिल गया, लेकिन उसके बाद से वेतन नहीं मिल रहा है। जबकि चालक और परिचालक इस महामारी के संकट में भी अलग-अलग क्षेत्र में अपनी आवश्यकता अनुसार ड्यूटी दे रहे हैं। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जो लोग मुख्यालय में बैठकर काम कर रहे हैं उन्हें तो वेतन दिया जा रहा है, लेकिन चालकों और परिचालकों को वेतन नहीं मिला है। ऐसे में अब उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कर्मचारियों के घर का राशन खत्म हो चुका है और कर्मचारियों की आजीविका चलाना भी मुश्किल हो चला है।
वहीं जेसीटीएल प्रशासन का कहना है कि उनके पास अभी कर्मचारियों को पैसा देने के लिए फंड नहीं है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें फंड से कोई मतलब नहीं है। उन्हें आजीविका चलाने के लिए उनका वेतन चाहिए। अगर वेतन नहीं मिला तो कर्मचारियों के सामने काफी संकट आ जाएगा। कर्मचारियों के परिवार और बच्चों के भूखे मरने तक की नौबत भी आ सकती है।