इस कारण गोपालपुरा पुलिया पर दिनभर वाहन रैंग-रैंग कर चलते रहे। वहीं पुलिया के दोनों ओर सर्विस लेन पर भी यातायात जाम रहा। जेडीए की इस कार्रवाई का व्यापारियों ने विरोध भी किया, लेकिन मौके पर पुलिस जाब्ता होने से उनकी नहीं चली। तोडफ़ोड़ के दौरान गोपालपुरा मोड़ से पुलिस चौकी तक पुलिस ने एक तरफ यातायात का आवागमन बंद करवा दिया।
बाद में शाम को तोडफ़ोड़ वाली जगह पर बेरिकेट्स लगाकर तोडफ़ोड़ के बीच ही जेडीए ने डंपरों से साथ ही मलबे को हटाना भी शुरु कर दिया। देर शाम तक जेडीए का दस्ता मौके पर मौजूद था और मलबा हटाने का काम चल रहा था।
कार्रवाई के चलते टोंक रोड से रिद्धी-सिद्धी की तरफ जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया और यातायात एक तरफा कर दिया गया। व्यापारियों ने दोपहर में सांसद रामचरण बोहरा से उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होनें बताया कि वे पिछले 25 सालों से यहां व्यवसाय कर रहे थे, ऐसे में अचानक उन्हे यहां से हटाकर उनके परिवार को सड़कों पर ला दिया। इसके लिए न तो सरकार ने मुआवजा दिया और न ही पुनर्वास के लिए कोई कदम उठाया। इस पर सांसद ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वे उनका पक्ष सरकार के समक्ष पुरजोर तरीके से रखेंगे।