बैठकों में ये निकला निष्कर्ष
जेडीए ने 21 अगस्त को अवैध कोचिंग संचालकों और 22 अगस्त को रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालकों के साथ मंथन सभागार में बातचीत की। जेडीए प्रशासन ने बातचीत की पूरी प्रक्रिया को इतनी गोपनीय रखा कि जनहित के मुद्दे पर होने वाली बातचीत से मीडिया को दूर रखा। जेडीए अधिकारियों ने दो दिन तक कोचिंग और रेस्टोरेंट संचालकों के साथ ‘कोथली’ में गुड़ फोड़ने के बाद ‘अवैध’ को बचाने की गली निकाल ही ली। जेडीए की 2 दिन चली बैठकों का सार ये रहा कि कोचिंग और रेस्टोरेंट संचालकों से प्राप्त सभी व्यावहारिक समस्याओं एवं अन्य बिंदुओं पर फैसले के लिए इन्हें सक्षम स्तर पर भिजवाया जाएगा। सक्षम स्तर पर नीतिगत निर्णय होने के बाद ही जेडीए आगे बढ़ेगा। नीतिगत निर्णय होने के बाद उनकी अनुपालना नहीं करने वाले कोचिंग सेंटर्स और रूफटॉप रेस्टोरेंट्स को धारा 34 का नोटिस जारी कर जेडीए सील करने की कार्रवाई करेगा। यानी कि जेडीए ने जो पहले नोटिस दिए थे, उन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होगी।
जयपुर में संचालित अवैध कोचिंग और रूफटॉप रेस्त्रां संचालकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रमुख शासन सचिव (यूडीएच) की अध्यक्षता में 26 अगस्त 2019 को सुबह 11 बजे सचिवालय में बैठक प्रस्तावित की गई है। इसमें भाग लेने के लिए कोचिंग संचालकों ने कोचिंग संचालक मण्डल के शहर अध्यक्ष रघुवीर को अपना प्रतिनिधि चुना है। इसी तरह से अवैध रूफटॉप रेस्त्रां संचालक भी प्रमुख शासन सचिव या अन्य सक्षम स्तर तक जाने की तैयारी में है। अवैध कोचिंग संचालक और रूफटॉप रेस्टोरेंट संचालक अब जेडीए के सक्षम स्तर तक पहुंचने की कवायद में लग गए।
जेडीए पर आरोप :नहीं दी न्यूनतम मापदण्डों की सूची
बैठक में कोचिंग संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कहा कि जयपुर शहर में 3 लाख से अधिक विद्यार्थी कोचिंग ले रहे हैं। जेडीए की सुरक्षा संबंधी आवश्यक न्यूनतम मापदण्डों की जो भी सूची कोचिंग संचालकों को दे दी जाए। यदि जेडीए लिस्ट दे दे तो सभी सुरक्षा मापदण्ड कोचिंग सेंटर्स पर 7 दिनों में व्यवस्था कर लेंगे। कोचिंग संचालकों ने माना कि बहुत से संस्थान ऐसे हैं जहां फायर एनओसी नहीं है, अब अग्निशमन विभाग से अनुमति ली जाएगी।