जेडीए के चित्रकूट स्थित मिश्रित भू-उपयोग भूखण्ड और गोविंदपुरा करधनी योजना के चार भूखण्डों की ढाई करोड़ (2.5 करोड़) रूपए में नीलामी की गई है। जिसमें सफल बोलीदाता ने प्रति वर्ग मीटर 93,300 रूपए की अधिकतम बोली लगाते हुए चित्रकूट स्थित मिश्रित भू-उपयोग भूखण्ड खरीदा। इस भूखण्ड की शुरूआती बोली 75 हजार रूपए प्रति वर्ग मीटर रखी गई थी। जेडीए में गठित मार्केटिंग टीम ने गोविंदपुरा करधनी योजना और न्यू आतिश मार्केट में इन्हीं भूखण्डों के लिए सूचना शिविर लगाया था। जेडीए की परिसंपत्तियों जयपुर शहर की प्राइम लोकेशन पर स्थित हैं। जेडीए की परिसंपत्तियों की नीलामी आॅनलाइन और आॅफलाइन माध्यम से की जाती है। जिससे घर बैठे हुए ही इच्छुक व्यक्ति नीलामी प्रक्रिया में भाग ले सकता है। इसका पॉजीटिव असर दिखने लगा है। जेडीए अब 12 अवासीय योजनाओं में 2,122 आवासों के लिए भूखण्ड बेच चुका है। इससे भी जेडीए के खजाने में करोड़ों रूपए आने वाले हैं।
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड भी आॅनलाइन नीलामी यानी इ—आॅक्शन के जरिए आवास बेचकर करोड़ों कमा रहा है। आवासन मंडल ने दीपावली से पहले इ—आॅक्शन का दौर शुरू किया था, जो अब तब जारी है। हाउसिंग बोर्ड आॅनलाइन नीलामी के जरिए अब तक 100 करोड़ रूपए से ज्यादा कमा चुका है। मंदी के इस दौर में इ—टॉक्शन हाउसिंग बोर्ड के लिए संजीवनी बनकर आया है।
जेडीए जमीनें बेचकर खजाना भर रहा है, हाउसिंग बोर्ड मकान बेचकर। इस बीच निगम नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) वसूली के लिए अभियान छेड़े हुए है। निगम ने जोनवार बड़े बकायादारों को चिन्हित कर उनसे वसूली शुरू कर दी है। नगर निगम मुख्यालय ने जोन कार्यालयों को बकायादारों की लिस्ट भेजकर कार्रवाई करने को कहा है। निगम की टीमें बीते एक सप्ताह में करीबन 50 लाख रूपए की वसूली कर चुकी हैं। जेडीए के राजस्व उपायुक्त नवीन भारद्वाज बताते हैं कि नगर निगम ने जोनवार यूडी टैक्स बकायादारों की सूची तैयार की है। उसी हिसाब से कार्रवाई की जा रही है। मार्च 2019 के बाद से जिनकी नगरीय विकास कर बाकी है, उनके खिलाफ कार्रवाई चल रही है।