जानकारी के अनुसार जेडीए ने शहर में जोन-1 से 8 तक के क्षेत्र में कोचिंग एवं रेस्टोरेंट संचालकों का पक्ष सुनने एवं विचार-विमर्ष के लिए जेडीए के मंथन सभागार में 21 और 22 अगस्त 2019 को बैठक बुलाई है। पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि 21 अगस्त को कोचिंग संचालकों के साथ बात होगी। जबकि 22 अगस्त को रूफ टाॅप रेस्टारेंट संचालको से उनका पक्ष जानने के लिए बैठक होगी। जेडीए अधिकारियों का कहना है कि कोचिंग संचालकों और रूफ टाॅप रेस्टारेंट संचालकों को नोटिस जारी किए जाने पर संचालकों ने ज्ञापन दिए थे। इसके बाद कोचिंग और रेस्त्रां संचालकों का पक्ष सुनने का फैसला किया गया है।
अनियमित्ता मिलने पर दिए थे नोटिस गौरतलब है कि जेडीए ने जोन-1 से 8 तक में संचालित कोचिंग संस्थानों एवं रूफटाॅप रेस्टोरेंटों का सर्वे कर अनियमतता पाए जाने पर धारा 32 के तहत नोटिस जारी किए गए थे। जेडीए ने 182 कोचिंग संस्थानों और रूफटाॅप रेस्टोरेंटों को नोटिस जारी किए थे। इनमें 117 कोचिंग संस्थान एवं 65 रूफटाॅप रेस्टोरेंट शामिल थे। इन्हें जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। जेडीए ने जोन-9 से 14 और पीआरएन उत्तर एवं दक्षिण में स्थित कोचिंग संस्थानों एवं रूफ टाॅप रेस्टोरेंटों का सर्वे करने का भी दावा किया था। नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई का दावा किया था। लेकिन जेडीए ने यू टर्न लेते हुए पहले जिनको नोटिस दिए हैं, उनका पक्ष जानने की कवायद शुरू कर दी है।
भूल रहे मुम्बई, सूरत हादसों का सबक
जयपुर विकास प्राधिकरण ने मुम्बई में वर्ष 2017 में रूफटाॅप रेस्टोरेंट और सूरत में मई-2019 में कोचिंग संस्थान में भीषण आगजनी से हुई जनहानि की घटना का हवाला देते हुए जयपुर में कोचिंग और रेस्टोरेंट संचालकों को नोटिस दिए थे। जेडीए ने कोचिंग संस्थानों के संबंध में नगरीय विकास विभाग एवं आवासन विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से जारी परिपत्र में निर्धारित मानकों के उल्लंघन पर नोटिस दिए थे। जिन पर कार्रवाई की बजाय अब बातचीत के जरिए लीपापोती की जा रही है। लगता है जेडीए प्रशासन मुम्बई और सूरत के सबक भूल रहा है।