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50 हजार रिश्वत ले जेईएन बोला, शपथ पत्र लाता तो आज दे देता पट्टा

locationजयपुरPublished: Aug 09, 2017 01:14:00 pm

Submitted by:

Abhishek Pareek

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जेडीए कार्यालय में जोन 12 के जेईएन दीपक योगी को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मंगलवार को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) कार्यालय में जोन 12 के जेईएन दीपक योगी को 50 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। रिश्वत भूखण्ड का पट्टा जारी करने की एवज में मांगी गई थी। पीडि़त ने कहा कि रिश्वत राशि लेते ही जेईएन बोला शपथ पत्र ले आता तो आज ही तेरा पट्टा बन जाता। उसने ऊपर तक बात कर रखी है। एसीबी ने बताया कि इसको लेकर गणेश नगर निवासी रामदास सिंह ने इसी साल मई में शिकायत दी थी। पीडि़त का आरोप है कि वह दो साल से जेडीए में भूखण्ड पट्टे के लिए चक्कर काट रहा है। संबंधित प्रक्रिया पूरी करने पर भी जेडीए के अधिकारी-कर्मचारी उसे टरका रहे हैं। जोन उपायुक्त राजकुमार सिंह ने सहायक नगर नियोजक से संपर्क करने का कहा। सहायक नगर नियोजक से मिला तो उन्होंने जेईएन दीपक योगी से मिलने के लिए कहा और यह भी कहा कि पैसे बिना काम नहीं होता है।
सीढिय़ों के पास जाकर लिए रुपए
उपअधीक्षक सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को आरोपित जेईएन दीपक योगी ने पीडि़त रामदास को मोबाइल से मिस कॉल दिया। रामदास ने कॉल किया तो रिश्वत मंगलवार को लेकर बुलाया। एसीबी की तस्दीक भी हो गई। मंगलवार को रामदास 50 हजार लेकर जेडीए पहुंचा। यहां पर जेईएन पीडि़त को सीढिय़ों के पास ले गया और रुपए ले लिए। कमरे में लौटते समय पीडि़त ने वहां मौजूद एसीबी टीम को संकेत दिया, तभी उसे पकड़ लिया। पकड़ते ही उसने कहा कि रुपए जेब में रखे हैं। एसीबी ने बताया अभी जेईएन को गिर तार किया है। अन्य लोगों की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
एेसे मिल रही भ्रष्टाचार को छूट
सड़क गायब, पट्टे दिए
अभियान की आड़ में हिम्मत नगर में सेक्टर सड़क विलोपित कर पट्टे जारी कर दिए गए। यह 100 फीट चौड़ी सेक्टर सड़क जेएलएन मार्ग, सरस पार्लर के पास रेलवे ओवरब्रिज के नीचे मौजूदा सड़क से हि मत नगर, न्यूलाइट कॉलोनी, ग्लास फैक्ट्री के पीछे से होते हुए गांधी नगर रेलवे स्टेशन से टोंक रोड से जुड़ती।
जबकि, मूल नक्शे में कहीं अंकित नहीं है कि किस कारण से यह निर्णय किया गया।
शिकायत के बाद भी…
जेडीए में दो दर्जन से ज्यादा सहायक नगर नियोजक ठेकेदार के जरिए काम कर रहे हैं। ऐसे एटीपी को जोन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी हुई है। पहले जोन 11 में अलग-अलग तीन भूखण्डों के पट्टे जारी करने में घालमेल होने की शिकायत की गई। तत्कालीन जेडीए आयुक्ततक शिकायत भी पहुंची, लेकिन सख्त कार्रवाई नहीं हुई।
छूट पड़ रही भारी…
जोन स्तर पर पहले 500 वर्गमीटर के भूखण्डों के नक्शे स्वीकृत करने का अधिकार था, लेकिन करीब दो वर्ष पहले जेडीसी ने इसका दायरा बढ़ाकर 1 हजार वर्गमीटर कर दिया। इससे ज्यादा क्षेत्रफल के मामले भवन मानचित्र समिति स्तर पर अनुमोदित होते हैं। नक्शे स्वीकृति के ज्यादातर मामले 500 से 1 हजार वर्गमीटर तक के हैं।
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