जयपुरPublished: Aug 08, 2023 05:00:03 pm
Ashwani Kumar
ऐसी मेहरबानी क्यों: 30 से अधिक अर्बन प्लानर भी एक कम्पनी के तहत जेडीए ने रखे, जबकि टाउन प्लानर की संख्या पर्याप्त
जयपुर. जेडीए पर जिम्मा तो शहर के व्यवस्थित विकास है, लेकिन प्राधिकरण लोगों की कमी से जूझ रहा है। स्थिति यह है कि जेडीए में 1961 पद स्वीकृत हैं और अभी 881 लोग ही काम कर रहे हैं। इसके अलावा 200 लोग ऐसे हैं जो सेवानिवृत्त होने के बाद भी जेडीए में सरकारी कर्मचारी के तौर पर ही काम कर रहे हैं। गड़बड़ी के मामले भी इन्हीं लोगों के सामने आते हैं। इसके अलावा जेडीए में टाउन प्लानिंग शाखा में पर्याप्त स्टाफ है, इसके बाद भी निजी कम्पनी के जरिए 34 अर्बन प्लानर को संविदा पर रखा हुआ है। अर्बन प्लानर सरकारी दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर करते हैं जो कि नियमों के खिलाफ है।