जमीन-आवास बेचने के लिए कॉर्पोरेट अंदाज में जमीन-आशियाने बेचने के लिए सरकारी तंत्र अब कॉर्पोरेट प्रबंधन अंदाज में काम करने में जुट गए हैं। इसके लिए अलग से मार्केटिंग सेल तक बनाई जा रही है। इसके जरिए कॉर्पोरेट कंपनी की तरह प्रोपर्टी खरीददार से डील की जाएगी। मार्केटिंग सेल से जुड़े अधिकारी प्रोपर्टी खरीददार को मौके की स्थितियों के अनुसार निवेश संबंधी सुझाव देंगे, ताकि निवेशक जमीन लेने के बाद वहां अनुज्ञेय गतिविधि (होटल, मॉल, हॉस्पिटल, आवासीय प्रोजेक्ट्स, रिसोर्ट इत्यादि) के अनुरूप प्लानिंग कर सकें।
नियमों में शिथिलता का भी लाभ जेडीए ने पिछले दिनों नीलामी नीति में कई बदलाव किए है। इसके तहत नीलामी में बोलीदाता को 15 प्रतिशत राशि चौबीस घंटे की बजाए 3 दिन में जमा कराने की सहुलियत दी। पहले नीलामी की मांग राशि 30 दिन जमा करानी होती थी, जो अब नीलामी दिनांक से 35 प्रतिशत राशि 120 दिवस में और बाकी पचास प्रतिशत राशि 180 दिन में जमा कराने का समय दिया।