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Solar Energy Project : सोलर पावर से कौन बचाएगा 11 करोड़, जानिए

locationजयपुरPublished: Oct 17, 2019 01:43:06 pm

Submitted by:

Pawan kumar

– छितरोली में लगेगा 15 मेगावॉट का पावर प्लांट
 

solar plants established in rajasthan

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जयपुर विकास प्राधिकरण ने सोलर पावर से 11 करोड़ रूपए बचाने की योजना बनाई है। जेडीए बगरू के निकट छितरोली में 15 मेगावाट का एक सोलर पावर प्लांट लगाएगा। इस प्लांट के स्थापित होने पर जेडीए को लगभग 11 करोड़ सालाना बिजली के बिलों में बचत होगी। जिसके लिए इसी माह निविदा आमंत्रित की जाएगी। जेडीसी टी रविकान्त ने बताया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट का विशेषकर द्रव्यवती नदी परियोजना के एसटीपी और पार्क समेत जगहों पर विद्युत उपयोग ज्यादा होता है। इस मद में काम आ रही बिजली की जगह रिन्यूएबल एनर्जी उत्पादन कर बचत करने के लिए किया जा रहा हैं।
जेडीसी ने बताया कि यह प्लांट रेस्को माॅडल पर कम्पीटीटिव बिल्डिंग के तहत लगवाया जाना प्रस्तावित है। जिससे न्यूनतम दर दाता को स्वयं के खर्चे से 15 मेगावाॅट क्षमता का प्लांट लगाना और 33 केवी भूमिगत केबल द्वारा नजदीकी सब-स्टेशन से जोड़ने का कार्य व 25 वर्ष तक प्लांट का रखरखाव व संचालन सम्मिलित होगा। रविकान्त ने बताया कि हाल ही में जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा कार्यालय में होने वाली बिजली खपत कम करने व रिन्यूवेबल एनर्जी उत्पादन को अपनाने की दिषा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

जेडीए ने बचाई 30 फीसदी बिजली
जानकारी के अनुसार जेडीए के भवनों में रूफटाॅप, 366 किलोवाॅट क्षमता का सोलर पावर प्लांट स्थापित कर सौर उर्जा उत्पादित की जा रही है। जिससे भवन के बिजली बिल में लगभग 30 प्रतिशत कमी आयी है। भारत सरकार के उपक्रम इइएसएल के माध्यम से बिल्डिंग एनर्जी एफिसिऐंन्सी प्रोग्राम कार्यक्रम के तहत प्राधिकरण भवन में विभिन्न विद्युत उपकरण जैसे एसी, पंखे, लाइट और पम्प आदि समस्त विद्युत उपकरणों को एनर्जी एफिसिएन्ट उपकरणों में बदला जा रहा है, इससे प्राधिकरण भवन के बिजली खर्च में लगभग 20 प्रतिशत बचत होने लगी हैं।
द्रव्यती नदी पर बनेगी चारदीवारी
जेडीए टी रविकांत ने जेडीए अधिकारियों को द्रव्यवती नदी परियोजना के दोनों ओर विकसित भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए चारदीवारी बनाने एवं जेडीए संपत्ति बोर्ड लगाने के निर्देश दिए हैं। द्रव्यवती नदी परियोजना की विकसित भूमि पर अतिक्रमण रोकने एवं रिक्त भूमि का सीमांकन करवाया गया। जेडीए की रिक्त भूमि का सीमांकन कर जिस भू-भाग पर किसी भी तरह का अतिक्रमण पाया जाए, उसे प्रवर्तन शाखा द्वारा हटाया जाए।
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