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जीका से बचाव की कार्यवाही जारी, होगी फोगिंग

locationजयपुरPublished: Oct 30, 2018 10:55:04 pm

Submitted by:

Vikas Jain

– 153 में से 150 मरीजों के स्वस्थ होने का चिकित्सा विभाग का दावा
 

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जीका से बचाव की कार्यवाही जारी, होगी फोगिंग

जयपुर। शहर में जीका वायरस का मंगलवार को कोई नया मरीज नहीं मिला। चिकित्सा विभाग का दावा है कि अब तक शहर में पाए गए 153 मरीजों में से 150 मरीज उपचार के बाद अब स्वस्थ हो चुके हैं। उधर, विभाग की ओर से एंटिलार्वा गतिविधियां जारी है। नगर निगम की ओर से बुधवार को भी फोगिंग जारी रहेगी।
वहीं चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने आउट ब्रेक की सूचना मिलते ही रेपिड एक्शन फोर्स भेजने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही स्वास्थ्य दलों का प्रबंधन करते हुये सोर्स रिडक्शन व
एंटीलार्वा कार्यवाही करने एवं उनकी ओर से किए जा रहे क्रॉस वेरीफिकेशन करवाने पर जोर दिया।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक नवीन जैन ने विभाग की अन्य गतिविधियों की जानकारी दी।

आज यहां होगी फोगिंग

शहर में जीका, डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया मौसमी बीमारियों से प्रभावित क्षेत्रों में नगर निगम क ओर से बुधवार को वार्ड नंबर 22, 51, 62 और 81 के समस्त कॉलोनियों व बस्ती क्षेत्रों में फोगिंग की जाएगी। फोगिंग वाले क्षेत्रों के नागरिकों से अपील की गई है कि फोगिंग के दौरान अपने घर, दुकानों, प्रतिष्ठानों के खिड़की व दरवाजों को खुला रखें। खाने-पीने की वस्तुओं को ढककर रखें एवं अस्थमा रोगियों को फोगिंग के धुंए से दूर रखें। बुधवार को वार्ड 22 और 81 के सभी क्षेत्रों में प्रात: 6.30 से 9 बजे तक तथा और वार्ड 51 व 62 के सभी क्षेत्रों में सायं 5 बजे से 7 बजे तक फोगिंग की जाएगी।
क्या है जीका

जीका डेंगू की तरह ही एडीज, एजिप्टी और अन्य मच्छरों से फैलता है। ये मच्छर चिकनगुनिया और डेंगू के भी कारक है। जीका वायरस से बचना है तो सबसे पहले मच्छरों से बचने के उपाय करने होंगे। दिन हो चाहे रात जितना हो सके शरीर के अंगों को ढककर रखें, इसके लिए हल्के और लंबे कपड़े पहने। घरों की खिड़कियों पर नेट लगाकर रखें। रात में मच्छरदानी का प्रयोग करें।
यह है जीका बीमारी

यह एक ऐसी बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर आमतौर पर दिन के समय ही काटता है। हाल ही अध्ययन में पता चला है कि किसी प्रेग्नेंट महिला में यह हो जाता है तो बच्चा जन्म के साथ ही दोष लेकर पैदा होता है। ऐसी स्थिति मेंं बच्चे के मस्तिष्क का विकास पूरी तरह नहीं हो पाता है। सिर छोटा रहने की आशंका रहती है। इसके अलावा अंधापन, बहरापन, दौरे और अन्य जन्मजात दोष रहने की आशंका रहती है।
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