जिला उद्योग केन्द्र और उद्यानिकी वानिकी महाविद्यालय के साझा प्रयासों से सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर बांस के क्या-क्या उत्पाद भविष्य में तैयार किए जा सकते हैं, इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट जिला उद्योग केन्द्र ने सरकार को भेज दी है। झालावाड़ के जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक हरिमोहन शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया है। स्वीकृति आते ही काम शुरू करवा दिया जाएगा।
बांस की खेती के अनुकूल जिले की जलवायु और मिट्टी बांस की खेती के अनुकूल है। झालावाड़ शहर में ही भवानीमंडी रोड व बाग में बड़ी तादाद में बांस उगे हुए हैं। जिले में अभी करीब 300 हैक्टेयर में बांस लगे हुए हैं। अभी बांस का उपयोग से टोकरियां व हट बनाए जाते हैं।
किसानों को मिलेगा सम्बल
सिंगल यूज प्लास्टिक के वैकल्पिक उत्पादों के स्थापित होने वाली इकाइयों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से सहायता एवं सुविधाएं प्रदान की जाएगी। बांस आधारित स्टार्टअप का कलस्टर विकसित किए जाने की योजना है।
इनके बनेंगे विकल्प
प्लास्टिक के झंडे, प्लास्टिक स्टिक, ईयर बड्स, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की डंडिया, कैंडी स्टिक, आईसक्रीम की डंडिया, गिलास, पत्तल, दौने, कांटे, चम्मच, स्ट्रा के लिए बांस के उत्पादों को विकल्प के रूप में पेश किया जाएगा।