जयपुर

रिश्वतखोरों को बचाने में जुट गए कई रसूखदार, लेकिन एसीबी के आगे नहीं गली दाल

झोटवाड़ा घूसकांड

जयपुरFeb 19, 2019 / 11:22 am

Mridula Sharma

मुकेश शर्मा/जयपुर. रिश्वतखोरी का रैकेट चलाने वाले झोटवाड़ा सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आस मोहम्मद और थानाधिकारी को बचाने के लिए अब कुछ रसूखदार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं। ऐसा ही एक रसूखदार व्यक्ति जब एसीबी मुख्यालय पहुंचा, तब पत्रिका रिपोर्टर वहां मौजूद था। एसएचओ को निर्दोष बताते हुए वह एक आला अधिकारी पर दबाव बनाने की कोशिश करने लगा। हालांकि वहां उसकी दाल नहीं गली और उसे दो-टूक जवाब सुनकर लौट जाना पड़ा।
लगातार आ रहीं सिफारिशें!
एसीबी सूत्रों के अनुसार झोटवाड़ा सर्कल घूसकांड को लेकर एसीबी अधिकारियों के पास आरोपियों को बचाने के लिए लगातार सिफारिश आ रही हैं। आस मोहम्मद और एसएचओ की सिफारिश लेकर अब तक 5 लोग एसीबी अफसरों से सम्पर्क कर चुके हैं। एसीबी में आला पदों पर दबंग अधिकारी लगे होने के कारण उनका दाव चल नहीं पा रहा है।
एसीपी के खिलाफ शिकायतों का ढेर
दूसरी ओर, एसीपी आस मोहम्मद के खिलाफ शिकायत करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 3-4 लोग शिकायत लेकर एसीबी में पहुंच रहे हैं।

 

यों किया दबाव बनाने का प्रयास
रसूखदार : साहब.. अपना ही भतीजा है
एसीबी अफसर : कौन?
रसूखदार : प्रदीप.. झोटवाड़ा एसएचओ.. निर्दोष है
एसीबी अफसर : निर्दोष है तो भाग क्यों रहा है?
रसूखदार : आप समझते हैं..
एसीबी अफसर : मोबाइल भी बंद कर लिया?
रसूखदार : कुछ करो.. उसका दोष नहीं है
एसीबी अफसर : दोष नहीं है तो हमारे पास भेजो, यहां आकर अपना पक्ष तो रखे
रसूखदार : साहब, देख लो
एसीबी अफसर : आपने अपनी बात कह दी, उसे कहे भागना बंद कर दे और अपना पक्ष रखे
(इतना कहकर अफसर ने रसूखदार को जाने का इशारा कर दिया)
अमर के हत्यारे हाथ से फिसले कैसे?
शिकायतों में झोटवाड़ा थाने के नजदीक सीए छात्र अमर शर्मा की गोली मारकर हत्या करने का मामला भी शामिल है। अमर के परिजनों ने सोमवार को एसीबी के डीजी को परिवाद दिया। परिजनों ने कहा कि अमर को गोली मारने की सूचना पुलिस को पलभर में मिल गई। कुछ देर में शूटरों की फोटो भी मिल गई। शूटर जिस इलाके से आए, वहीं से अमर आया था। शूटरों ने एक दिन पहले उसी क्षेत्र से स्कूटर चुराया था। आरोपी गोली मारने के बाद अमर का मोबाइल ले गए, जिसकी लोकेशन भी उसी क्षेत्र में आई थी। बाद में पुलिस ने बताया था कि मोबाइल लावारिस पड़ा मिला। परिजनों ने सवाल किया कि झोटवाड़ा थाना पुलिस के हाथ आए हत्यारे आखिर फिसल कैसे गए? शिकायत में झोटवाड़ा एसीपी की भूमिका पर संदेह जताया गया।

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