1. मुक्ता राव- झुंझुनूं
2. मनमोहन शर्मा -टोंक
3. शिवाक्षी खांडल -जयपुर
4. निखिल कुमार -झुंझुनूं
5. वर्षा शर्मा -जयपुर
6. यशवंत मीणा -जयपुर
7. रवि कुमार गोयल -अलवर
8. बीनू देवल -जालौर
9. विकास प्रजापत -टोंक
10. सिद्धार्थ सांदू -नागौर
मेरिट में टॉप 10 में रहे अभ्यार्थियों में जयपुर का पलड़ा भारी रहा। 10 में से 3अभ्यार्थी जयपुर के हैं। इसके साथ ही झुंझुनू के 2 अभ्यार्थी मेरिट में आए हैं। जबकि अलवर, जालौर, नागौर, अलवर और टोंक जिले के 1-1 अभ्यर्थी को जगह मिली है। आरएएस 2018 की टॉप 10 सूची में चार महिला अभ्यर्थियों ने स्थान पाया है। टॉपर भी महिला अभ्यर्थी रही है। हालांकि आयोग ने 2018 के टॉप 10 अभ्यर्थियों के प्राप्तांक जारी नहीं किए हैं।
रिश्वत कांड के बाद सुखिर्यों में थी आरएएस 2018 भर्ती
गौरतलब है कि आरएएस 2018 भर्ती के इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिलाने व सलेक्शन को लेकर 25 लाख रुपए की रिश्वत का मामला प्रकाश में आने के बाद से यह परीक्षा सुर्खियों में है। आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर व उनके पति रिटायर्ड आईपीएस भैरोंसिंह गुर्जर के नाम पर 23 लाख रिश्वत लेने वाले लेखा शाखा के जूनियर अकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर को एसीबी ने ट्रेप किया। दोनों अभी रिमांड पर चल रहे हैं।
छोड़ी इन्फोसिस की नौकरी
आरएएस परीक्षा 2018 में प्रथम रैंक प्राप्त कर टॉप पर रहने वाली मुक्ता राव ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब छोड़ कर आरएएस की तैयारी शुरू की और दूसरे ही चांस में टॉपर बन गई। मुक्ता शादीशुदा होने के साथ 10 साल के बेटे की मां हैं। उनके पति डॉ. विजयपाल ढाका मणिपाल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हं। मूलत: झुंझुनू की रहने वाली मुक्ता का ससुराल सीकर है और वह खुद जयपुर में सिरसी रोड पर रहती हैं। मुक्ता ने बताया कि 2005 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन किया और यूनिवर्सिटी टॉप की। इसके बाद इन्फोसिस में नौकरी कर रही थी कि आरएएस के लिए नौकरी छोड़ दी और इसकी तैयारी में जुट गई। मुक्ता अपनी सफलता का श्रेय अपने ससुर को देती हैं, जिन्होंने उन्हें हमेशा आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित किया।
पॉजिटिव रहना जरूरी
ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखने वाले मनमोहन शर्मा ने आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। बच्चों के साथ खेलने, उनसे बात करने के शौकीन मनमोहन बताते वर्तमान में दौसा में फूड एंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट में कार्यरत हैं। अपनी सफलता का श्रेय अपने किसान पिता को देते हुए उनका कहना है कि उनके पिता का सपना था कि मैं सिविल सर्विस जॉइन करूं। राजस्थान विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घंटों बैठ कर पढ़ाई करने वाले मनमोहन ने कभी आरएएस की तैयारी के लिए कोचिंग का रुख नहीं किया। उनका कहना है कि यदि आप टाइम टेबल बनाकर, फोकस होकर अपनी तैयारी करते हैं तो सफलता मिलनी ही है। आरएएस सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को उनका कहना है कि हमेशा पॉजिटिव रहकर काम करें मुकाम हासिल होकर ही रहेगा।
सफलता के लिए नियमित पढ़ाई जरूरी
मेरिट में चौथे स्थान पर रहे निखिल पढ़ाई में शुरू से ही होशियार रहे हैं। मूल रूप से झुंझुनू के गुढा गौड़ निवासी निखिल ने 10वीं बोर्ड की मेरिट में 12वां स्थान और 12वीं कक्षा बोर्ड परीक्षा में मेरिट में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। निखिल ने बताया कि उन्होंने यह सफलता दूसरे चांस में प्राप्त की है। सीए की पढ़ाई कर चुके निखिल ने सीए आईपीसीसी में ऑल इंडिया में टॉप रैंक हासिल की थी। वह कहते हैं कि उन्हें वेब सीरीज देखने के अलावा खेलना पसंद हैं। अपनी सफलता का श्रेय मातापिता को देते हुए वह आरएएस परीक्षा की तैयार कर रहे छात्रों के लिए कहते हैं कि परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए स्टैंडर्ड बुक्स ने नोट्स बनाकर नियमित रूप से पढ़ाई करें।