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जम्मू-कश्मीर : 370 और 35ए खत्म…हमारे विश्लेषण उतरे खरे

locationजयपुरPublished: Aug 05, 2019 07:18:50 pm

Submitted by:

rajendra sharma

जम्मू एवं कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) की नागरिकता वाले अनुच्छेद 35 ए ( Article 35 A ) और राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 ( Article 370 )को खत्म करने का निर्णय ले ही लिया। केंद्र सरकार के इन अनुच्छेद को हटाने के फैसले से हमारे दो मर्तबा किए गए विश्लेषण पर मुहर लग गई। पहली मर्तबा पुलवामा हमले के बाद 19 फरवरी 2019 और दूसरी बार 29 जुलाई 2019 को इस मुद्दे पर विश्लेषण प्रकाशित हुआ था।

Article 370 and 35A abolished

जम्मू—कश्मीर : 370 और 35ए खत्म…हमारे विश्लेषण उतरे खरे

संविधान ( Constitution ) में जम्मू एवं कश्मीर ( Jammu-Kashmir ) को खास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और वहां की नागरिकता ( citizenship ) तय करने के अधिकार वाले अनुच्छेद 35ए को खत्म करने का निर्णय पर सियासत चाहे कुछ भी कहे, एक देश दो संविधान स्‍वीकार करना तो कभी भी उचित नहीं कहा जा सकता।

35ए खत्म होने का प्रभाव

अनुच्छेद 35ए के कारण 14 मई 1954 को जो जम्मू एवं कश्मीर के नागरिक था, उसे ही वहां के नागरिक का दर्जा प्राप्त था। उन्हें ही वहां संपत्ति खरीदने का अधिकार था। अब इस आर्टिकल के खत्म होने से देश के किसी भी नागरिक को वहां बसने, संपत्ति खरीदने और आम नागरिक की तरह जीवन यापन करने का अधिकार मिल जाएगा। संविधान में अनुच्छेद 35ए 14 मई 1964 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ.राजेंद्र प्रसाद ( Dr. Rajendra Prasad ) ने एक एग्जीक्यूटिव आदेश के जरिए जोड़ा था। इसके प्रभाव में आते ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा को राज्य के स्थाई नागरिक की परिभाषा तय करने का अधिकार मिल गया था।

एक देश-एक संविधान

अब अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही एक देश—एक संविधान हो जाएगा। तमाम भारतीय कानून अब जम्मू—कश्मीर में लागू होंगे। बता दें 26 जनवरी 1957 को जम्मू-कश्मीर का संविधान लागू हुआ था। वह अब खत्म हो जाएगा।

राज्य का पुनर्गठन

अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही केंद्र के पास राज्य का पुनर्गठन करने का अधिकार भी आ गया। अन्यथा, ऐसा नहीं किया जा सकता था। क्योंकि अनुच्छेद 370 के कारण वहां भारतीय संसद में पारित कानून लागू नहीं हो सकता था। साथ ही, विशेष दर्जे के कारण केंद्र जेएंडके में रक्षा ( Defence ), विदेश ( Foreign affairs ) और संचार जैसे अहम विषयों को छोड़कर राज्य के बाकी मामलों में दखल नहीं दे सकती थी। संसद में पेश राज्य पुनर्गठन विधेयक ( Jammu Kashmir reorganization bill ) में जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों ( Union territory states ) में बांटा गया है। अब दिल्ली की तरह विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश होगा। लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाएगा, मगर वहां विधानसभा नहीं होगी।
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अब कुल नौ केंद्र शासित प्रदेश

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनाने के एलान के साथ अब देश में कुल नौ केंद्र शासित प्रदेश हो गए हैं। इन दो से पहले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ( delhi ), अण्‍डमान और निकोबार द्वीप समूह ( Andaman and Nicobar Islands ) , चंडीगढ़ ( Chandigarh ), दादरा और नगर हवेली ( Dadra and Nagar Haveli ) , दमन और दीव ( Daman and Diu ), लक्षद्वीप ( Lakshadweep ) तथा पुडुचेरी ( Puducherry ) सात केंद्र शासित प्रदेश थे। अब जम्मू-कश्मीर से लद्दाख के अलग होने पर कई बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर का क्षेत्रफल, आबादी और वहां के नियम कानून सब बदल जाएगा।
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