scriptJLF 2024 : “द परफ्यूम प्रोजेक्ट” की लेखिका दिवरीना ने 18,500 प्रकार की खुशबूओं का बताया राज, पूरे देश में होता है इनका व्यापार | JLF 2024: Divrina, author of The Perfume Project, tells the secret of fragrances | Patrika News
जयपुर

JLF 2024 : “द परफ्यूम प्रोजेक्ट” की लेखिका दिवरीना ने 18,500 प्रकार की खुशबूओं का बताया राज, पूरे देश में होता है इनका व्यापार

JLF 2024 : सेंट यानी परफ्यूम जो जिस्म को खुशबूदार बनाते हैं, उनकी खुशबूओं का राज खोला है दिवरीना ढींगरा ने। जेएलएफ के पत्रिका प्रायोजित सत्र ‘द परफ्यूम प्रोजेक्ट: जर्नी थ्रो इंडियन फ्रेगरेंस’ सेशन में उनकी किताब पर बात की जॉन जुबरजिकी ने।

जयपुरFeb 01, 2024 / 07:41 pm

Tasneem Khan

jlf_2024_divrina_author_of_the_perfume_project_tells_the_secret_of_fragrances.jpg

सेंट यानी परफ्यूम जो जिस्म को खुशबूदार बनाते हैं, उनकी खुशबूओं का राज खोला है दिवरीना ढींगरा ने। जेएलएफ के पत्रिका प्रायोजित सत्र ‘द परफ्यूम प्रोजेक्ट: जर्नी थ्रो इंडियन फ्रेगरेंस’ सेशन में उनकी किताब पर बात की जॉन जुबरजिकी ने। दिवरीना ने बताया कि भारत में 18,500 प्रकार की खुशबूएं फूलों, पौधों व अन्य चीजों से तैयार की जाती है। आगे उन्होंने इन खुशबूओं के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे देश में इन 18,500 तरह की खुशबूओं का व्यापार होता है और फ्रांस भारतीय परफ्यूम का सबसे बड़ा आयातक देश है।

ऑस्ट्रेलिया में अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए वे खुशबूओं के संसार की ओर आकर्षित हुई, वहां से मुंबई होते, साउथ इंडिया के जंगलों को खंगाला। वहां से असम होते कश्मीर के जाफरान के खेतों तक पहुंची। दिवरीना बताती हैं कि कश्मीर में जब केसर के बैंगनी खेत देखे तो यह किसी कौतूहल जैसा था। लेकिन अफसोस कि साल दर साल इसकी खेती कम होती जा रही है। पर्यावरण में लगातार होते परिवर्तन ने इस व्यापार पर बड़ा असर डाला है।

 

 

इन सुगंधों ने तय किया रामायण से मुगल काल तक लंबा सफर


दिवरीना बताती हैं कि रामायण और ऋग्वेद में भी सुगंध का अपना महत्व बताया गया है। इनमें खासकर चंदन का जिक्र आता है, इसीलिए चंदन को पवित्र माना गया है। वहीं देश में परफ्यूम की कई खुशबूओं का इजाद मुगल काल में हुआ। इजिप्ट में सबसे पुराने डॉक्यूमेंट मिलते हैं, जिनमें अलग—अलग पौधों या फूलों से अलग खुशबू निकालने की विधि दर्ज है। भारत में मुगल काल के समय एक पूरा खुशबूखाना हुआ करता था। जहां सिर्फ इत्र बनाने का काम चलता था। यह बादशाह के साथ दरबारियों के लिए होता था। इनमें गर्मी के अलग, सर्दी के अलग इत्र बनते थे। यह सिल्क रूट की देन है। सिल्क रूट में सबसे अहम ग्रीस और इजिप्ट रहे हैं और मसाले, इत्र की रेसिपी वहीं से आई है।

 

 

आखिर दिवरीना क्यों हुई आकर्षित?

 

दिवरीना बताती हैं कि पढ़ाई के दौरान एक रिसर्च सामने आई कि जब आप किसी खुशूबू को सूंघते हैं तो वह कई सारे अनुभवों से आपको जोड़ती है। साइंस कहता है कि अच्छी खुशबूएं दिमाग से जुड़ी सभी तंत्रिकाओं के रास्तों को खोल देती है और दिमाग बेहतर काम करने लगता है। यह आपकी इंद्रियों को कंट्रोल करता है। आप हर खुशबू के साथ अलग महसूस करते हैं, अलग तरह की यादें जुड़ती चली जाती हैं। आप जब दोबारा उसी खुशबू के सम्पर्क में आते हैं तो उसी से जुड़ी याद सामने आ जाती है।

Home / Jaipur / JLF 2024 : “द परफ्यूम प्रोजेक्ट” की लेखिका दिवरीना ने 18,500 प्रकार की खुशबूओं का बताया राज, पूरे देश में होता है इनका व्यापार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो