नगर निगम साधारण सभा में सभी पार्षदों को लैपटॉप देने का प्रस्ताव पास किया था। इसके बाद नगर निगम प्रशासन ने मार्च में पार्षदों को देने के लिए 100 लैपटॉप खरीदे थे। निगम ने 31 लाख 42 हजार रुपए खर्च कर ये लैपटॉप खरीदे थे। इनमें से महापौर विष्णु लाटा सहित नगर निगम की विभिन्न समितियों के चेयरमैनों और पार्षदों ने ये लैपटॉप ले रखे हैं। निगम अधिकारियों की मानें तो महापौर व चेयरमैन सहित 63 पार्षदों ने ये लैपटॉप लिए हैं। इनमें कई भाजपा के पार्षद भी शामिल हैं। बोर्ड बैठक में के प्रस्ताव के अनुसाद को ये लैपटॉप वापस लौटाने थे, लेकिन इसके बाद नगर निगम कार्यकारिणी समिति की बैठक में लैपटॉप को गिफ्ट करने का प्रस्ताव पास किया गया। अब निगम प्रशासन ने उस प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए सरकार से राय मांगी है।
पार्षदों को वार्ड कार्यालयों में बैठकर नगर निगम संबंधी काम डिजिटल तरीके से करने के लिए ये लैपटॉप दिए थे। नगर निगम ने पार्षदों को देने के लिए 100 लैपटॉप खरीदे थे, इनमें 91 पार्षदों में से 63 पार्षदों ने ये लैपटॉप लिए थे। 37 लैपटॉप अभी भी बचे हैं, ये 37 लैपटॉप नगर निगम स्टोर में रखे हुए हैं। अब नगर निगम के कई पार्षदों का कहना है ये लैपटॉप गिफ्ट में दिए गए थे, अब वापस लेना गलत है। पार्षदों का कहना है कि उन्हें ये लैपटॉप गिफ्ट किए गए थे।
पार्षदों का कार्यकाल 25 नवम्बर को खत्म हो रहा है। अब उन्हें ये लैपटॉप निगम में जमा कराने होंगे। निगम अधिकारियों की मानें तो जो पार्षद लैपटॉप नहंीं लौटाएंगे, उन्हें लैपटॉप की कीमत चुकानी पड़ेगी। लैपटॉप जमा कराने के बाद ही निगम से उन्हें एनओसी दी जाएगी और अगला चुनाव लडऩे के लिए एनओसी लेना जरूरी है। वहीं नगर निगम आयुक्त विजयपाल सिंह का कहना है कि लैपटॉप के लिए ईसी की बैठक में जो प्रस्ताव पास किया था, उसे मंजूरी के लिए हमने सरकार को भेजा है। सरकार से मंजूरी मिलेगी तो ये लैपटॉप पार्षदों को गिफ्ट किए जाएंगे, अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो पार्षदों को लैपटॉप जमा कराने होंगे।