चलिए आपको बताते हैं रामजल मीणा की पूरी कहानी..पूरे देशभर की टॉप यूनिवर्सिटीज में आने वाला दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण है रामजल मीणा..
राजस्थान के करौली जिले के गांव भजेरा के रहने वाले Ramjal Meena को पढ़ाई का शुरू से ही शौक़ था। लेकिन परिवार की जिम्मेदारी ने उन्हें इससे दूर रखा।
साल 2002 में कैसे-जैसे विज्ञान विषय में 12वीं कक्षा पास कर बीएससी ( BSc ) की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया। लेकिन माता-पिता और तीन बहनों की जिम्मेदारी ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी, क्योंकि अब उन्हें परिवार पालना था… फिर पिता के साथ मिलकर मजदूरी की और 3 बहनों की शादी करवाई।
33 साल के रामजल की शादी भी 2003 में हो गई थी। लेकिन पढ़ाई करने की ललक हमेशा से उनके मन में थी। साल 2014 में मीणा ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय बतौर गार्ड की नौकरी की।
नौकरी करते हुए ही यूनिवर्सिटी के छात्रों को देखकर पढ़ाई करने की इच्छा जगी। जेएनयू का खुला माहौल उन्हें और पढ़ने की ओर खींचने लगा। रामजल मीणा ने जमकर कुछ ऐसी मेहनत की कि जेएनयू का 2019-20 का एंट्रेंस एग्जाम क्रैक किया। अब वो यहां रशियन भाषा में एडमिशन ले रहे हैं।
रामजल मीणा बताते हैं कि गार्ड की नौकरी करते हुए ही साल 2018 में राजस्थान से बीए की परीक्षा पास की थी। अभी एमए कर रहे हैं। जेएनयू में दाखिला लेना और वहां के शिक्षकों से पढ़ना उनका सपना रहा। वे ड्यूटी के दौरान किताबें भी साथ रखते हैं और रोज करीब 8 से 10 घंटे की पढ़ाई करते। अब वे जेएनयू की प्रवेश परीक्षा पास कर चुके हैं साथ ही उन्हें गार्ड की नौकरी करते हुए पढ़ाई करने की अनुमति भी मिल गई है। रामजल के सपने बड़े हैं। वे सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं।