भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आइआइटी जोधपुर में इसकी टेस्टिंग की जा रही है। ड्रोन का पक्षी के रूप में शरीर है जो लेपिंग विंग की सहायता से उड़ान भरता है। ड्रोन बनाने में विशेष टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। मैकेनिकल विभाग ने विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए हेलीकॉप्टर ड्रोन बनाए गए हैं। अब पूरा फोकस बर्ड ड्रोन पर है।
उरी के तरह है ड्रोन
2019 में आई फिल्म उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक देखी ही होगी। नहीं देखी तो आप देख लिजिए। इससे आपको आईआईटी जोधपुर की ताकत अंदाजा हो जाएगा। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह से भारतीय सेना गरुड़ पक्षी के समान एक ड्रोन की सहायता से पाक अधिकृत कश्मीर में दाखिल होती है और फिर बर्ड ड्रोन की सहायता से आतंकी ठिकाने तक पहुंचती है। ऐसा ही मिलता जुलता ड्रोन अब आईआईटी ने तैयार किया है।
गन से उड़ा दिए जाते हैं हेलीकॉप्टर ड्रोन
वर्तमान में दुनिया भर में हेलिकॉप्टर ड्रोन मौजूद हैं। जो चार किनारों पर लगे चार पंखों की सहायता से उड़ान भरते हैं। सर्विलांस के दौरान दुश्मन देश की सीमा में घुसने पर हेलिकॉप्टर ड्रोन की आसानी पहचान हो जाती है और वे सैनिकों द्वारा मार गिरा दिए जाते हैं। ऐसे में नुकसान भी होता है और सूचना भी नहीं मिल पाती है।
आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. शांतनु चौधरी बताते हैं कि संस्थान ने बर्ड ड्रोन तो तैयार कर लिया है लेकिन अभी पूरी तरह से इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। कुछ परीक्षण जारी है। इसके सफल होते ही इस ड्रोन को देश के सामने इस्तेमाल के लिए रख दिया जाएगा।