यह है मामले का अमेरिकन लिंक ! सात साल पुराने भंवरी देवी हत्याकांड की जांच कर चुकी सीबीआइ ने दावा किया था कि राजीव गांधी लिफ्ट नहर से जो जली हड्डियां बरामद हुई थी, वह भंवरी देवी की ही थी लेकिन भारतीय एसएफएल एजेंसी इन हड्डियों से डीएनए निकालने में नाकाम रही थी , इसलिए इन तथाकथित हड्डियों के सैंपल अमरीका स्थित एफबीआइ को भेजे गए थे। एफबीआइ की सीनियर डीएनए एक्सपर्ट अम्बर बी कार ने ही उन हड्डियों का विश्लेषण किया था। हालांकि एफबीआइ ने अपनी रिपोर्ट सीबीआइ को सोफ दी थी लेकिन कानूनी प्रावधान के चलते अनुसंधान अधिकारी को कोर्ट में पेश होकर जाँच के सम्बन्ध में गवाही देनी होती है। गौरतलब है कि कई बार भारतीय तथा अमेरिकी दूतावास के माध्यम से एफबीआइ को समन भेजे जा चुके हैं परंतु डीएनए एक्सपर्ट कोर्ट में हाजिर नहीं हो पाई। अब सीबीआइ अमेरिकी गवाह की गवाही विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करवाना चाहती है।