राज्यपाल मिश्र ने मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेस के माध्यम से कोविड-19 के संकट में भारत निर्माण में पत्रकारिता की भूमिका विषय पर आयोजित वेबीनार को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। राज्यपाल ने कहा कि विशेषज्ञों की विषय विशेष पर दी गई सलाह का लेखन करना, कठिन कार्य होता है, लेकिन यह कार्य समाज में जागरूकता लाता है। लोग सचेत होते हैं और उचित सलाह के अनुसार कार्य सम्पादित करते है। राज्यपाल ने कहा कि पत्रकारिता के माध्यम से ही महात्मा गांधी, राजा राममोहन राय और डाॅ. अम्बेडकर जैसे विद्वानों ने लोगों को जागरूक किया।
मीडिया ने किया सराहनीय कार्य
नारद पत्रकारिता के आधार स्तम्भ रहे, जिन्होंने सत्य व असत्य का समय-समय पर आकंलन किया। राज्यपाल ने कहा कि समस्या का आंकलन, उसका विश्लेषण और आमजन तक उसकी सच्चाई पहुंचाना कोई साधारण कार्य नहीं है। मीडिया ने कोविड- 19 के दौरान आम जन को केन्द्र व राज्य सरकार की समय-समय पर दी गई एडवाइजरी, कोरोना वारियर्स की ओर से किए जा रहे कार्य और अन्य सावधानियों और सुविधाओं की जानकारी देकर सराहनीय कार्य किया है।
कोविड-19 की स्थिति युद्ध जैसी
राज्यपाल ने कहा कि जब लोग कहते हैं कि उन्हें समाचारपत्र से जानकारी मिली है, तो यह धारणा मीडिया की विश्वसनियता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की स्थिति एक युद्व की भांति हैं। इस युद्व में मीडिया ने जान हथेली पर लेकर निर्भिकता से कार्य किया है। प्रिन्ट व इलेक्ट्रानिक मीडिया की इस मेहनत की, जितनी प्रंशसा की जाए, उतनी ही कम है।
मीडिया ने निभाई अग्रणी भूमिका
वेबीनार में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि लोगों को जानकारी पहुंचाना पत्रकारिता का कार्य है। कोरोना संकट के दौरान मीडिया ने अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होने कहा कि मीडिया की ओर से उठाए गए सवालों पर राज्य सरकार कार्यवाही करती है।
आलोचना करना भी जरूरी
वेबीनार में हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी ने कहा कि संकट की घड़ी में मीडिया ने मर्यादा के साथ जिम्मेदारी को निभाया है। उन्होंने कहा कि मीडिया का काम जानकारी देने के साथ, कमियों पर सवाल उठाना भी है। मानवीय द्ष्टिकोण के साथ आलोचना करना भी जरूरी है। प्रारम्भ में अजमेर के महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति आर.पी.सिंह ने सभी का स्वागत किया और वेबीनार की जानकारी दी।