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टीवी पर डिबेट करना नहीं, लोगों के बीच जाकर समस्याओं को सामने लाना ही जर्नलिज्म है

locationजयपुरPublished: Jan 23, 2020 08:41:50 pm

‘इन एक्स्ट्रिमिस : द लाइफ एंड डेथ ऑफ द वॉर कॉरस्पोंडेंट मैरी कॉल्विन’

टीवी पर डिबेट करना नहीं, लोगों के बीच जाकर समस्याओं को सामने लाना ही जर्नलिज्म है

टीवी पर डिबेट करना नहीं, लोगों के बीच जाकर समस्याओं को सामने लाना ही जर्नलिज्म है

‘इन एक्स्ट्रिमिस : द लाइफ एंड डेथ ऑफ द वॉर कॉरस्पोंडेंट मैरी कॉल्विन’ सेशन में लिन्डसे हिल्सम ने मैक्स रोडेनबेक के साथ चर्चा करते हुए दिवंगत वॉर कॉरस्पोंडेंट मैरी कॉल्विन की पसर्नल और प्रोफेशनल लाइफ के पहलुओं पर प्रकाश डाला। लिन्डसे ने कहा कि टीवी पर बैठकर माहौल बनाना और डिबेट करना जर्नलिज्म नहीं है, बल्कि लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सबके सामने लाना ही वास्तविक पत्रकारिता है। कॉल्विन ने हमेशा ग्रास रूट पर रिपोर्टिंग की, उनकी काम के प्रति इसी ईमानदारी के चलते ही उन्हें सीरिया में अपनी जान गंवानी पड़ी। लिन्डसे ने कहा कि वॉर के नाम से ही लोगों को डर लगने लग जाता है और वॉर जोन में जाकर रिपोर्टिंग करना उससे भी बड़ा चैलेंज है।

एक बुक से कॉल्विन के बारे में बता पाना मुश्किल
उन्होंने कहा कि सीरिया के हालातों को सामने लाना चैलेंजिंग था, जिसे कॉल्विन ने बखूबी पूरा किया। अपनी बुक ‘इन एक्स्ट्रिमिस : द लाइफ एंड डेथ ऑफ द वॉर कॉरस्पोंडेंट मैरी कॉल्विन’ पर चर्चा करते हुए लिन्डसे ने कहा कि मैंने इसमें कॉल्विन के व्यक्तित्व को दिखाने का पूरा प्रयास किया है, लेकिन कॉल्विन को सिर्फ एक किताब से बयां नहीं किया जा सकता। कॉल्विन पर बनी फिल्म ‘ए प्राइवेट वॉर’ को लेकर भी उन्होंने चर्चा की।
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