हाल ही में करौली में हुई हिंसा मामले में पार्टी नेताओं की एकता की जगह गुटबाजी और खुलकर सामने आ गई थी। पार्टी ने उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम करौली हिंसा की जांच के लिए बनाई थी। यह कमेटी तो आधिकारिक रूप से करौली गई, लेकिन इसके बाद पार्टी के कई नेता अपने-अपने स्तर पर करौली पहुंच गए। प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया न्याय यात्रा के लिए करौली गए, हालांकि उन्हें पुलिस ने करौली शहर में नहीं जाने दिया। इसी तरह राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी अपने स्तर पर करौली चले गए। पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे भी अलग से करौली गईं। पार्टी में चल रही संवादहीनता को करौली में हुई घटना ने फिर से सामने ला दिया।
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कोर कमेटी की अक्टूबर 2021 में हुई थी बैठक
भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी चुनावों तक सिमट कर रह गई है। अक्सर कोर कमेटी की बैठक तभी हुई है, जब प्रदेश में कोई चुनाव हो। आखिरी बार कोर कमेटी की बैठक अक्टूबर, 2021 में हुई थी। इसके बाद अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है। बैठक हुए छह माह निकल चुके हैं। आखिरी बार जो बैठक हुई थी, वह भी चुनावों के चलते ही हुई थी।
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कोर कमेटी में ये नेता शामिल
प्रदेश में करीब सवा साल पहले बनी कोर कमेटी में प्रदेश के 16 नेताओं को शामिल किया गया था। इसमें प्रदेश से अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, ओम प्रकाश माथुर, चन्द्रशेखर, राजेन्द्र राठौड़, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राजेन्द्र गहलोत, कनक मल कटारा, सी पी जोशी शामिल हैं। वहीं विशेष आमंत्रित सदस्यों में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भूपेन्द्र यादव, भारती बेन शियाल, अल्का सिंह गुर्जर शामिल हैं।
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राष्ट्रीय नेता एकजुट करने की कोशिश में लगे
पार्टी के राष्ट्रीय नेता इस कोशिश में लगे हैं कि राज्य के नेताओं को एक कर एकजुटता का जनता को संदेश दिया जा सके। दिसम्बर में जब संगठन के कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए थे, तब उन्होंने भी किसी एक के बजाय सभी नेताओं को तवज्जो दी थी। मंच पर प्रदेश के नेताओं को वरिष्ठता के आधार पर अपने साथ बिठाया। इसी तरह हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में भी सभी बड़े नेताओं को बुलाकर यह संदेश दिया गया कि पार्टी के लिए सब बराबर हैं। पार्टी के लिए परस्पर सब जरूरी हैं।
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कोर कमेटी की अक्टूबर 2021 में हुई थी बैठक
भाजपा की प्रदेश कोर कमेटी चुनावों तक सिमट कर रह गई है। अक्सर कोर कमेटी की बैठक तभी हुई है, जब प्रदेश में कोई चुनाव हो। आखिरी बार कोर कमेटी की बैठक अक्टूबर, 2021 में हुई थी। इसके बाद अभी तक कोई बैठक नहीं हुई है। बैठक हुए छह माह निकल चुके हैं। आखिरी बार जो बैठक हुई थी, वह भी चुनावों के चलते ही हुई थी।
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कोर कमेटी में ये नेता शामिल
प्रदेश में करीब सवा साल पहले बनी कोर कमेटी में प्रदेश के 16 नेताओं को शामिल किया गया था। इसमें प्रदेश से अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, ओम प्रकाश माथुर, चन्द्रशेखर, राजेन्द्र राठौड़, गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राजेन्द्र गहलोत, कनक मल कटारा, सी पी जोशी शामिल हैं। वहीं विशेष आमंत्रित सदस्यों में प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भूपेन्द्र यादव, भारती बेन शियाल, अल्का सिंह गुर्जर शामिल हैं।
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राष्ट्रीय नेता एकजुट करने की कोशिश में लगे
पार्टी के राष्ट्रीय नेता इस कोशिश में लगे हैं कि राज्य के नेताओं को एक कर एकजुटता का जनता को संदेश दिया जा सके। दिसम्बर में जब संगठन के कार्यक्रम में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह आए थे, तब उन्होंने भी किसी एक के बजाय सभी नेताओं को तवज्जो दी थी। मंच पर प्रदेश के नेताओं को वरिष्ठता के आधार पर अपने साथ बिठाया। इसी तरह हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक में भी सभी बड़े नेताओं को बुलाकर यह संदेश दिया गया कि पार्टी के लिए सब बराबर हैं। पार्टी के लिए परस्पर सब जरूरी हैं।