राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक को मिली राहत
उधर, राष्ट्रीय पुरस्कार ( rashtrapati awards ) प्राप्त शिक्षक को स्वास्थ्य सही होने पर 65 साल की उम्र तक सेवा में बनाए रखने के प्रावधान की पालना नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षक को राहत दी है। साथ ही, गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश पर दखल से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एन एस ढड्ढा की खण्डपीठ ने इस मामले में सेंट एन्सलम स्कूल अजमेर की अपील को खारिज कर दिया है। तथ्यों के अनुसार स्कूल के शिक्षक रविन्द्र शर्मा की 30 जून 2014 को 60 साल की आयु पूरी हो गई, लेकिन इससे पहले ही उसने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के मामले में सीबीएसई के प्रावधान का हवाला देकर 65 साल की आयु तक सेवा में बनाए रखने का आग्रह किया। स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा की वह 30 जून 2014 को साठ साल की उम्र पूरी कर रहे हैं। इस शिक्षक की ओर से स्कूल प्रशासन को बताया कि सीबीएसई के सम्बद्धता नियमों के अनुसार उत्कृष्ट प्रदर्शन, अच्छा स्वास्थ्य और अच्छा व्यवहार होने पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 65 साल की उम्र तक सेवा में बने रह सकते हैं। शिक्षक के सेवा विस्तार के आग्रह के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने 23 जून 2014 को सेवाकाल बढ़ाने से इंकार कर दिया। सेवाकाल नहीं बढ़ाने के स्कूल प्रबंधन के निर्णय को शिक्षक ने गैर सरकारी शैक्षिक संस्था न्यायाधिकरण में चुनौती दी। इस पर न्यायाधिकरण ने 10 नवंबर 2014 को शिक्षक को सेवा में मानते हुए स्कूल से परिलाभ देने को कहा। इस आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन 16 दिसंबर 2014 को याचिका खारिज हो गई। स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश और न्यायाधिकरण के आदेश को खण्डपीठ में चुनौती दी थी, लेकिन खण्डपीठ ने स्कूल प्रबंधन की अपील को खारिज कर दिया।
उधर, राष्ट्रीय पुरस्कार ( rashtrapati awards ) प्राप्त शिक्षक को स्वास्थ्य सही होने पर 65 साल की उम्र तक सेवा में बनाए रखने के प्रावधान की पालना नहीं होने के मामले में हाईकोर्ट ने शिक्षक को राहत दी है। साथ ही, गैर सरकारी शैक्षिक अधिकरण के आदेश पर दखल से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश एन एस ढड्ढा की खण्डपीठ ने इस मामले में सेंट एन्सलम स्कूल अजमेर की अपील को खारिज कर दिया है। तथ्यों के अनुसार स्कूल के शिक्षक रविन्द्र शर्मा की 30 जून 2014 को 60 साल की आयु पूरी हो गई, लेकिन इससे पहले ही उसने राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के मामले में सीबीएसई के प्रावधान का हवाला देकर 65 साल की आयु तक सेवा में बनाए रखने का आग्रह किया। स्कूल प्रशासन को पत्र लिखा की वह 30 जून 2014 को साठ साल की उम्र पूरी कर रहे हैं। इस शिक्षक की ओर से स्कूल प्रशासन को बताया कि सीबीएसई के सम्बद्धता नियमों के अनुसार उत्कृष्ट प्रदर्शन, अच्छा स्वास्थ्य और अच्छा व्यवहार होने पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक 65 साल की उम्र तक सेवा में बने रह सकते हैं। शिक्षक के सेवा विस्तार के आग्रह के बावजूद स्कूल प्रबंधन ने 23 जून 2014 को सेवाकाल बढ़ाने से इंकार कर दिया। सेवाकाल नहीं बढ़ाने के स्कूल प्रबंधन के निर्णय को शिक्षक ने गैर सरकारी शैक्षिक संस्था न्यायाधिकरण में चुनौती दी। इस पर न्यायाधिकरण ने 10 नवंबर 2014 को शिक्षक को सेवा में मानते हुए स्कूल से परिलाभ देने को कहा। इस आदेश के खिलाफ स्कूल प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन 16 दिसंबर 2014 को याचिका खारिज हो गई। स्कूल प्रबंधन ने इस मामले में हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश और न्यायाधिकरण के आदेश को खण्डपीठ में चुनौती दी थी, लेकिन खण्डपीठ ने स्कूल प्रबंधन की अपील को खारिज कर दिया।