शहर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर जल उत्सव झांकी सजाई गई। गर्भगृह में रियासतकालीन चांदी के फव्वारों से सुंगधित जल की धारा के बीच ठाकुरजी को जलविहार कराया गया। मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी ने ठाकुरजी के ज्येष्ठाभिषेक किया। ठाकुरजी केा धवल पोशाक धारण करवाकर सफेद पुष्पों के श्रृंगार कर चंदन सेवा की गई। गोविंददेवजी के ज्येष्ठाभिषेक के भक्तों ने ऑनलाइन दर्शन किए। शुक संप्रदाय पीठ सरस निकुंज में राधा सरस बिहारी सरकार को शीतलता प्रदान करते हुए निज मंदिर के मंडप को पुष्पों से सजाया गया। गुलाब, केवड़ा के इत्र की सेवा के साथ मुखमंडल और चरणों पर चंदन लेपन किया। शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज ने ठाकुरजी के लाड़ लड़ाते हुए ऋतु फलों का भोग अर्पण किए। ठाकुरजी के फूल बंगले के पदों का गायन किया गया। निज मंदिर में फव्वारे चलाकर शीतलता की गई। प्रवीण बड़े भैया ने जुगल वर बैठे फूल तिवारी फूल मंडली सरस सवारी…, किया फूल श्रृंगार जुगल ने…. जैसे पदों का गायन किया। पुरानी बस्ती स्थित गोपीनाथजी मंदिर में राधा—गोपीनाथजी के नौकाविहार झांकी सजाई गई। ठाकुरजी को चांदी के फव्वारों से जलविहार कराया गया। वहीं गोपीनाथजी, चौड़ा रास्ता के राधा दामोदरजी, रामगंज बाजार के लाड़लीजी मंदिर में भी ज्येष्ठ पूर्णिमा की विशेष झांकी सजाई गई।
गलताजी में सीतारामजी को कराया जलविहार
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर गलता तीर्थ में ठाकुरश्रीराम, रामलला, रघुनाथजी, श्रीनिवासजी को जलविहार कराया गया। गलतापीठाधिश्वर अवधेशाचार्य महाराज के सान्निध्य में गलता स्थित श्रीसीतारामजी के प्राचीन विग्रहों के साथ श्रीराम के सभी स्वरूपों का ज्येष्ठाभिषेक कर जलविहार कराया गया।