जयपुर की बेटी बचा रही बच्चियों की जान, अब तक 100 भ्रूण हत्याएं रुकवा बनी मिसाल
कोख में न हो बेटियों की हत्या, इसलिए इंजीनियर बनने की जगह बन गई मुखबिर, अब तक 100 ज्यादा कन्याओं की भ्रूण हत्या से रोक चुकी, मिला नारी शक्ति पुरस्कार

दीपशिखा वशिष्ठ / जयपुर. एक ओर जहां लोग बेटियों को कोख में ही मार देते हैं, वहीं दूसरी ओर राजस्थान की एक बेटी ज्योति चौधरी कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का कार्य कर रही है। वर्ष 2014 में बीटेक करने के बाद ज्योति ने किसी मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने की जगह मुखबिर बन पीसीपीएनडीटी सेल की मदद करने का काम कर रही है। डिकोय ऑपरेशन में मुखबिरी कर ज्याति 100 से ज्यादा कन्या भ्रूण हत्या रोक चुकी है। उन्हें इस काम के लिए राष्ट्रीय स्तर का नारी शक़्क्ति सम्मान भी मिल चुका है।
समाज में बेटी बचाने की जरूरत
ज्योति ने बताया कि बड़ी बहन के जब बेटी पैदा हुई तो अस्पताल वालों ने यह कहकर एक पौधा दिया कि आज पेड़ और बेटी बचाने की जरूररत हैं। यह देखकर मेरे मन में विचार आए कि समाज में कैसी स्थिती बन गई है कि पौधों की तरह लड़कियों को बचाने की जरूररत पड़ रही है। इसके 2014 में बीटेक पूरी होने के बाद पिता राजन चौधरी के साथ ही कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी सेल के साथ कार्य शुरु कर दिया। आज करीब 111 डिकॉय ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है।
गर्भवती महिलाओं को समझाती
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से किए जाने वाले डिकॉय ऑपरेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। पूरे ऑपरेशन में एक गर्भवती महिला का होना बहुत जरूरी है। ऐसे में ज्योति गर्भवती महिला को समझाकर और समाज में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करती हैं।
एमटीपी एक्ट के प्रति जागरुकता कार्य
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के साथ साथ ज्योति महिलाओं को मेडिकल टर्मिनेशन प्रेक्टिस एक्ट (एमटीपी) के बारे में भी जागरुक कर रही हैं। ज्योति का कहना है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की लड़की वह चाहे विवाहित है या नहीं कोई समस्या होने पर वह अबॉर्शन करवा सकती है। अगर वह शारीरिक, मानसिक या अन्य समस्या के चलते मां नहीं बनना चाहती तो अबॉर्शन करवाने का उसका हक है। लेकिन वह डर के चलते अनप्रोफेशनल दाई या नीम हकीम से दवाई दे गर्भ गिरा देती है। इससे उस महिला के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है। इसलिए महिलाओं को जागरुक होना चाहिए कि वो सरकारी या किसी सर्टीफाइड डॉक्टर से यह काम करवाएं।
यही नहीं ज्योति छात्रों ओर महिलाओं को तंबाकू उत्पादों से दूर रखने के लिए काम कर रही हैं। वह तम्बाकू प्रतिशेध अधिनियम कोटपा एक्ट के तहत पूरे राज्य में काम कर रही हैं। इसके साथ ही चाइल्ट राइट के लिए भी कार्य कर रही हैं।
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