असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने और दर्शनार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रस्ट द्वारा पूरे मेला क्षेत्र में करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं। मंदिर परिसर व बड़ी धर्मशाला में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों ने कहा कि कैलादेवी के रास्ते में बने फुटपाथ पर मेला पूर्व प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवा दिए जाएं तो पदयात्रियों को राहत मिलेगी। वहीं प्रशासन अनुमति दे तो दुर्गासागर मैदान में ट्रस्ट की ओर से यात्रियों को विश्राम स्थल बनवाया जा सकता है।
मंदिर ट्रस्ट की ओर से बस स्टेण्ड के सामने यात्री सहायता केन्द्र बनाए जाने की योजना है। वहीं यात्रियों के लिए 24 घण्टे चिकित्सा सुविधा भी ट्रस्ट के चिकित्सालय में रहेगी। राजौर बाग पर पदयात्रियों को भण्डारा संचालित होगा। दर्शनार्थियों को विश्राम के लिए बड़ी धर्मशाला, कंसल भवन पर नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। वहीं दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए शक्ति निवास कोठी से बस स्टैण्ड होते हुए विभिन्न स्थानों पर कैलादेवी मेला परिसर का नक्शा, टेलीफोन नम्बरों की सूची आदि के साइन बोर्ड, फ्लैक्स बैनर लगाए जाएंगे।
असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखने और दर्शनार्थियों की सुरक्षा के मद्देनजर ट्रस्ट द्वारा पूरे मेला क्षेत्र में करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं। मंदिर परिसर व बड़ी धर्मशाला में कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट पदाधिकारियों ने कहा कि कैलादेवी के रास्ते में बने फुटपाथ पर मेला पूर्व प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटवा दिए जाएं तो पदयात्रियों को राहत मिलेगी। वहीं प्रशासन अनुमति दे तो दुर्गासागर मैदान में ट्रस्ट की ओर से यात्रियों को विश्राम स्थल बनवाया जा सकता है।
मंदिर ट्रस्ट की ओर से बस स्टेण्ड के सामने यात्री सहायता केन्द्र बनाए जाने की योजना है। वहीं यात्रियों के लिए 24 घण्टे चिकित्सा सुविधा भी ट्रस्ट के चिकित्सालय में रहेगी। राजौर बाग पर पदयात्रियों को भण्डारा संचालित होगा। दर्शनार्थियों को विश्राम के लिए बड़ी धर्मशाला, कंसल भवन पर नि:शुल्क व्यवस्था रहेगी। वहीं दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए शक्ति निवास कोठी से बस स्टैण्ड होते हुए विभिन्न स्थानों पर कैलादेवी मेला परिसर का नक्शा, टेलीफोन नम्बरों की सूची आदि के साइन बोर्ड, फ्लैक्स बैनर लगाए जाएंगे।
मेले में तड़के मंगला आरती से रात 8.30 बजे तक माता के पट खुले रहेंगे। आम दिनों में दोपहर 12 बजे से एक बजे तक माता के पट बंद रहते हैं, लेकिन मेले में भक्तों की भीड़ के मद्देनजर इस दौरान केवल कुछ मिनट के लिए ही पट बंद रहेंगे। रात्रि को यदि भीड़ का दबाव रहेगा तो दर्शन समय में बढ़ोतरी की जा सकती है। वीआईपी दर्शनार्थियों के लिए पृथक से व्यवस्था रहेगी। वहीं असहाय एवं दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर व रैम्प लगाकर दर्शन कराए जाएंगे।