गौरतलब है कि बाड़मेर में पिछले कुछ दिनों में बजरी माफियाओं के आतंक से जुड़ी एक के बाद एक कई घटनाएं सामने आई हैं। बीते दिनों तो एक शख्स को बजती माफियाओं की दबंगई से अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ गया।
‘मेरे संसदीय क्षेत्र में माफिया आतंक’
केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बाड़मेर से बजरी माफियाओं के आतंक से जुड़ी लगातार सामने घटनाओं की ओर सरकार का ध्यान खींचने की कोशिश की। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपील करते हुए कहा, ‘कृपया राजस्थान में बढ़ रहे बजरी माफिया के आतंक की ओर ध्यान दीजिए मुख्यमंत्री जी। प्रदेश में हत्या, मारपीट जैसे जघन्य अपराधों के आंकड़े इसी माफिया ने बढ़ाए हैं। मेरे संसदीय क्षेत्र में लगभग प्रतिदिन इनके आतंक की खबरें आती हैं।
‘माफियाओं को मिल रही राजनीतिक शह’
चौधरी ने आगे एक अन्य ट्वीट प्रतिक्रिया में बजरी माफियाओं की तुलना आतंकवादी से की। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा, ‘दो दिन पहले इन आतंकवादियों ने क्षेत्र के एक व्यक्ति की हत्या कर दी। मारपीट से घायल होकर कई लोग बाड़मेर से रैफर होकर जोधपुर के एमडीएम और एम्स अस्पताल में भर्ती हैं। आपकी सरकार की शह में बजरी माफिया बेख़ौफ़ होकर गुंडागर्दी फैला रहा है।’
”चीखों’ के सामने ‘कमाई’ बहुत बौनी है’
केंद्रीय राज्य मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मुख्यमंत्री जी, कृपया बेबस जनता की चीखों पर ध्यान दीजिए। बजरी माफिया से मिल रहा पैसा जनता की चीखों के सामने बहुत बौना है। पीड़ित परिवारों के आँसुओं की ओर ध्यान दीजिए, जिसका इकलौता कोई कमाने वाला इस आतंक की भेंट चढ़कर दुनिया से चला गया या कोई जीवन भर के लिए बिस्तर पर आ गया।’
‘क़ानून हाथ में लेने को मजबूर होगी जनता’
चौधरी ने अपने चौथे ट्वीट प्रतिक्रिया में कहा, ‘मुख्यमंत्री जी, यह सरकार की ताकत जनता के आशीर्वाद से है। प्रदेश की कानून व्यवस्था वैसे भी क्रोनी कैपिटलिज्म का शिकार हो चुकी है। जनता शांति के लिए हाथ जोड़ रही है, लेकिन यदि इस आतंक पर अब कोई कार्यवाही नहीं हुई, तो जनता इन्हीं हाथों में क़ानून लेने को मजबूर हो जाएगी।’
‘लाचार जनता को मत तड़पाओ’
वहीं पांचवें और अंतिम ट्वीट में केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा, ‘अपनों को खोने का दर्द महसूस करो गहलोत साहब। चंद कागज़ के टुकड़ों के लिए लाचार जनता को इस तरह मत तड़पाओ। ज़मीर ही मार दिया तो अलग बात है, अन्यथा ईश्वर और अंतरात्मा को क्या जवाब दोगे?