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17 साल से अधरझूल में ‘रोप वे’, अनुबंध निरस्त करने की तैयारी में जेडीए

locationजयपुरPublished: Jun 26, 2022 02:29:30 pm

Submitted by:

Umesh Sharma

कनक घाटी से नाहरगढ व जयगढ़ के बीच प्रस्तावित ‘रोपवे’ अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। 17 साल से अधर में लटकी इस परियोजना पर जेडीए बड़ा निर्णय करने की तैयारी में है। जेडीए संबंधित फर्म से अनुबंध निरस्त करने की तैयारी कर रहा है।

17 साल से अधरझूल में 'रोप वे', अनुबंध निरस्त करने की तैयारी में जेडीए

17 साल से अधरझूल में ‘रोप वे’, अनुबंध निरस्त करने की तैयारी में जेडीए

कनक घाटी से नाहरगढ व जयगढ़ के बीच प्रस्तावित ‘रोपवे’ अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। 17 साल से अधर में लटकी इस परियोजना पर जेडीए बड़ा निर्णय करने की तैयारी में है। जेडीए संबंधित फर्म से अनुबंध निरस्त करने की तैयारी कर रहा है। जेडीए की अभियांत्रिकी शाखा ने जेडीसी रवि जैन को प्रपोजल भेजा है। जेडीसी की स्वीकृति के बाद कार्यकारी समिति में प्रस्ताव लाकर अनुबंध को निरस्त किया जाएगा।

जेडीए ने वर्ष 2005 में बिल्ड आॅपरेट ट्रांसफर यानि बीओटी के आधार पर दामोदर रोप वे लिमिटेड को रोपवे निर्माण और संचालन का वर्क आर्डर दिया था। फर्म को ही वन विभाग से रोप वे संचालन के लिए क्लीयरेंस लानी थी, लेकिन 17 साल बीतने के बाद भी फर्म यह क्लीयरेंस नहीं ला पाई है। जबकि इस समयावधि में समोद में रोपवे का निर्माण हो चुका है। ऐसे में जेडीए की अभियांत्रिकी शाखा ने अनुबंध खत्म करने की सिफारिश की है।

यह बताई है वजह

अभियांत्रिकी शाखा के अधिकारियों ने लिखा है कि इतने सालों में रोप वे संचालन की नई तकनीकें आ चुकी है। अनुबंध के मुताबिक फर्म को महज सालाना 18 लाख रुपए ही जेडीए को देने थे, लेकिन समय बीतने के चलते राजस्व मॉडल में बदलाव जरूरी हो गया है। इसलिए प्रोजेक्ट पर पुनर्विचार किया जाना जरूरी है। जेडीए की ओर से फर्म को फाइनल नोटिस भी दिया जा चुका है।

टी. रविकांत के समय भी हुई थी चर्चा

जेडीए के पूर्व जेडीसी टी. रविकांत के समय 6 मार्च 2020 को परियोजना कार्य समिति की बैठक हुई थी, जिसमें जेडीसी ने इतने सालों में प्रोजेक्ट क्रियान्वित नहीं होने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए अभियंताओं को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद इसके बाद पूर्व JDC गौरव गोयल के निर्देश पर जेडीए की ओर से फर्म को फाइनल नोटिस दिया गया था।
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