ऋषि ने कहा, ‘दो एकड़ में निर्मित इस स्टूडियो का आधा हिस्सा ही बेचा जाएगा, जबकि आधे हिस्से को दोबारा रेनोवेट करेंगे।’ बॉलीवुड में फेमस थी आरके स्टूडियो की होली
स्टूडियो बेचने का फैसला राजकपूर की पत्नी कृष्णा कपूर, उनके बेटों रणधीर, ऋषि, राजीव कपूर और बेटियों रीमा जैन व ऋतु नंदा की मंजूरी से लिया गया है। बॉलीवुड में आरके स्टूडियो की पार्टियां काफी मशहूर थीं। यहां की होली भी फिल्म जगत में खूब फेमस थी। इसमें अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, जीनत अमान और नरगिस जैसे सितारे शामिल होते थे। 1980 में इसी स्टूडियो में ऋषि कपूर और नीतू सिंह की शादी का जश्न 20 दिन तक चला था।
पिछले साल 16 सितंबर को स्टूडियो में भयंकर आग लगी थी। इस दौरान इसके कुछ हिस्से बुरी तरह से जल गए। ऋषि स्टूडियो को फिर तैयार कराना चाहते थे, लेकिन बड़े भाई रणधीर कपूर ने मना कर दिया। स्टूडियो बेचने की एक बड़ी वजह ये भी है कि आजकल कोई भी मुंबई से इतनी दूर शूटिंग के लिए जाना नहीं चाहता। आजकल फिल्म निर्माण के लिए अंधेरी या गोरेगांव में भी लोकेशन आसानी से मिल जाते हैं।
राज कपूर ने अपनी 90 फीसदी फिल्में यहीं बनाईं। शुरुआत फिल्म ‘आग’ से हुई थी। आरके बैनर की ‘बरसात’, ‘आवारा’, ‘श्री 420’, ‘जिस देश में गंगा बहती है’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी’, ‘राम तेरी गंगा मैली’ आदि फिल्में भी यहीं फिल्माई गई थीं। बैनर की आखिरी फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ थी, जिसे ऋषि कपूर ने निर्देशित किया। 1988 में राजकपूर के निधन के बाद रणधीर ने स्टूडियो संभाला। बाद में सबसे छोटे पुत्र राजीव कपूर ने ‘प्रेम ग्रंथ’ का निर्देशन किया।
परिवार इस फैसले को लेकर काफी भावुक है। हम लोग इससे काफी जुड़े हुए हैं लेकिन आने वाली पीढ़ी का कुछ पता नहीं। सीने पर पत्थर रखकर हमें यह फैसला लेना पड़ रहा है।
-ऋषि कपूर