उन्होंने पुलिस कर्मियों से संवाद करते हुए सख्त लहजे में कानून के दायरे में काम करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यह थाना क्षेत्र बजरी निकासी का रास्ता है। अब इधर से बजरी निकासी नहीं होना चाहिए। वे बार -बार बोले कि थाना क्षेत्र से बजरी निकासी की शिकायतें मिलीं तो मैं नौकरी को खा जाऊंगा। यह बात दिमाग में बैठा लें।
फन्ने खां की नहीं मानें, तुर्रम खां को करें बंद
एसपी ने पुलिसकर्मियों से कहा कि अनावश्यक किसी के दवाब में आकर कोई भी गलत कार्य नहीं करें। कानून के दायरे में रहकर अपनी ड्यूटी की जाए। अगर कोई बेवजह दबाव डालता है तो सीधे मुझसे संपर्क करें। प्रेशर झेलने को मैं हूं। वे बोले कि अब जिले में यह नाटक नहीं चलेगा कि उसका फोन आ गया, मेरा जानकार है उसको छोड़ दो। चाहें कोई फन्ने खां हो किसी की बात नहीं मानी जाए। मजबूती से कानून के अनुसार काम करोगे तो मैं पीछे खड़ा हूं। चाहें कोई तुर्रम खां हो गलत काम कर रहा है तो बंद होगा। हम जीरो टोलरेंस पर काम करेंगे। अच्छी पुलिसिंग जनता को जो हम दे सकते हैं, हम देंगे।
मारने-पीटने की जरूरत नहीं
एसपी ने पुलिसकर्मियों को नसीहत दी कि आरोपी से सख्ती से पेश न आएं। साइकलोजिकल तरीके से पूछताछ करें। किसी को मारने-पीटने या ठोकने की जरूरत नहीं। चोरी का मुलजिम नहीं बता रहा, तो नहीं बता रहा। मारना-पीटना नहीं। कल को कुछ हो गया, मर-मरा गिर गया तो देश में हाहाकार मच गया। इस देश में पुलिस वाले ही गंदे हैं और सब अच्छे हैं। इसलिए कानून के दायरे में ही काम करने की जरूरत है। उन्होंने यह सलाह भी दी कि थाने पर आने वाले फरियादियों से मानवीय व्यवहार करें। शिकायत जरूर दर्ज करके जांच की जाए। मामला झूठा मिलता है, तो उसमें एफआर लग जाएगी। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी जाति-धर्म के आधार पर फरियादियों में भेदभाव ना करे।