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गुर्जर आंदोलन को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने लिया ये बड़ा फैसला

locationजयपुरPublished: Feb 14, 2019 03:11:40 pm

Submitted by:

santosh

गुर्जर आंदोलन को लेकर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने शाम को रेलवे ट्रैक पर ही विधि सलाहकारों, आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के सदस्यों तथा समाज के सांसद, विधायक एवं पूर्व सांसद तथा विधायकों की बैठक बुलाई है।

Gurjar aandolan
जयपुर। राजस्थान विधानसभा में कल गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने का विधेयक पारित होने के बाद पांच प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे गुर्जर समाज ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधेयक की समीक्षा करने के बाद शाम पांच बजे के बाद फैसला किया जाएगा। आरक्षण के लिए सरकार की तरफ से गठित कमेठी के सदस्य आईएएस नीरज के पवन के नेतृत्व प्रतिनिधिमंडल ने मलारना डूंगर रेलवे ट्रेक पर पहुंचा और आरक्षण आंदोलन के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला को गजट अधिसूचना, विधेयक एवं संकल्प पत्र की प्रतियां सौंपी।
सूत्रों के अनुसार बैंसला की ओर से आश्वस्त किया गया कि उन्होंने शाम पांच बजे तक रेलवे ट्रैक पर ही विधि सलाहकारों, आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के सदस्यों तथा समाज के सांसद, विधायक एवं पूर्व सांसद तथा विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार द्वारा आरक्षण के संबंध में उठाए गए कदमों की समीक्षा की जाएगी उसके बाद ही आंदोलन वापस लेने के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा। बैसला ने तब तक समाज से शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है।
राज्य विधानसभा ने बुधवार को राजस्थान पिछड़ा वर्ग (राज्य की शैक्षिक संस्थाओं में सीटों और राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) (संशोधन) विधेयक, 2019 ध्वनिमत से पारित कर दिया। ऊर्जा मंत्री बुलाकी दास कल्ला ने विधेयक को सदन मेें प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस के दौरान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि राज्य सरकार ने बहुत जिम्मेदारी और गंभीरता से प्रत्येक पहलू पर चर्चा कर कानूनी सलाह लेकर और समाज कल्याण विभाग, विधि विभाग से चर्चा कर इस विधेयक को लाने का निर्णय किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादे किए हैं, वह उन्हें पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि आज भी इंदिरा साहनी केस के बाद 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण पर रोक लगी हुई है, लेकिन तमिलनाडु व महाराष्ट्र जैसे राज्यों ने 50 फीसदी की सीमा को पार किया है और हाल ही केन्द्र सरकार ने आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है। यह व्यवस्था संविधान में संशोधन करके दी गई है।
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