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राजस्थान के Ex CM गहलोत कर्नाटक में धरने पर! येदुरप्पा की CM ताजपोशी पर जताया विरोध

locationजयपुरPublished: May 17, 2018 10:18:21 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

विरोध जताने के लिए राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठे धरने पर! देखें तस्वीरें

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जयपुर।
कर्नाटक में चुनाव नतीजे आने के बाद रोचक स्थितियां बन गईं हैं जिसकी वजह से इन दिनों सत्ता के लिए सियासत गरमाई हुई है। संभावना ये भी है कि ये सिलसिला कुछ दिन और चलेगा। वहीं राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कर्नाटक चुनाव में अहम् भूमिका में हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव होने के नाते उनकी ज़िम्मेदारी और ज़्यादा बड़ी है।
धरने पर गहलोत !
कर्नाटक में बीजेपी नेता येदुरप्पा के सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद गहलोत समेत कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता विरोध जताने के लिए धरने पर बैठ गए। विधानसौदा के बाहर लगी महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस नेता विरोध जताने के लिए जुटे। यहां पहुंचे नेताओं में गहलोत के अलावा गुलाम नबी आज़ाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और सिद्धरमैय्या शामिल रहे। इन सभी नेताओं ने बीएस येदुरप्पा के सीएम पद की शपथ लेने का विरोध जताया।
गहलोत की ये रही प्रतिक्रिया
कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए भाजपा काे न्याेता दिए जाने पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री आैर कांग्रेस महासचिव अशाेक गहलाेत का बड़ा बयान आया। गहलाेत ने TWEET किया कि सरकार बनाने के लिए भाजपा काे आमंत्रण संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। यह लोकतंत्र के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा ने न तो बहुमत हासिल किया है और न ही अधिकतम वोट शेयर। एेसे में कर्नाटक के माननीय राज्यपाल की आेर से लिया गया निर्णय पूरी तरह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह निर्णय प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष के दबाव में लिया गया है।
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येदुरप्पा ने ली सीएम पद की शपथ
इससे पहले येद्दियुरप्पा ने कर्नाटक के 25 वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम बाद में होगा। वह तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की कमान संभाल रहे हैं। कर्नाटक के बड़े लिंगायत नेता येद्दियुरप्पा आठवीं बार शिकारी पुर से विधायक चुने गए हैं। वह 2014 में शिमोगा से लोकसभा सांसद बने थे। वह 2007 में पहली बार सात दिनों के लिए मुख्यमंत्री बने थे और 30 मई 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था लेकिन जुलाई 2011 में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए।
गौरतलब है कि येद्दियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए कल राज्यपाल वजूभाई वाला ने आमंत्रित किया था जिसके खिलाफ कांग्रेस और जनता दल(सेक्युलर) जद(एस) ने रात उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सिकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने रात सवा दो बजे से सुबह साढ़े पांच बजे तक चली सुनवाई के बाद कहा कि वह राज्यपाल के आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं है, इसलिए श्री येद्दियुरप्पा के शपथ-ग्रहण समारोह पर रोक नहीं लगायेगी।
न्यायालय ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना इस मामले के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा। शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार साढ़े 10 बजे का समय निर्धारित किया, साथ ही भाजपा को नोटिस जारी करके उन दो पत्रों की प्रति अदालत के समक्ष जमा कराने को कहा है, जो उसकी ओर से राज्यपाल को भेजे गये थे।
ये रहे थे चुनाव नतीजे
राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 222 सीटों पर चुनाव हुए थे। जयनगर निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार का निधन हो जाने तथा राजराजेश्वरी नगर निर्वाचन क्षेत्र में भारी संख्या में मतदाता पहचान पत्र बरामद किये जाने के कारण चुनाव रद्द कर दिया गया। इन दोनों सीटों के लिए अब 28 मई को मतदान होगा।
इन चुनावों में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78, जनता दल (एस) को 37, बहुजन समाज पार्टी को एक और निर्दलीय को दो सीटों पर विजय हासिल हुई। भाजपा सबसे अधिक सीटें जीत कर सबसे बड़ी एकल पार्टी के रूप में सामने आई लेकिन कांग्रेस और जनता दल (एस) ने हाथ मिलाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। राज्यपाल ने सबसे बड़ी एकल पार्टी के तौर पर भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और उन्हेंं बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है।
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