यह भी पढें : कर्नाटक चुनाव परिणाम को लेकर सचिन पायलट का आया बडा बयान भाजपा की इस समय प्रदेश में सरकार है। ऐसे में एंटी इंकंबेंसी फेक्टर काफी काम कर रहा है। सरकारी नौकरियों का मुद्दा बड़ा बना हुआ है, वहीं मुख्यमंत्री हो या फिर मंत्री। ये जहां भी जा रहे हैं। कहीं ना कहीं उनको अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इस जीत के सहारे और नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाए जाने के सपने को पूरा करने की कोशिश फिर से शुरु होगी। दूसरी तरफ, यह माना जा रहा है कि कुछ ही समय के बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा भी हो जाएगी और प्रदेश एवं जिला स्तर पर नई टीमों का गठन भी होगा। बूथ मैनेजमेंट का काम भी तेजी से होगा।
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प्रदेश में सरकार और संघ की दूरिया जगजाहिर है। सरकार बनने के बाद सबसे पहले जयपुर में मंदिर प्रकरण हुआ। उससे संघ सड़कों पर ही आ गया था। झालावाड़ समेत प्रदेश के कई जिलों में संघ की सरकार के प्रति नाराजगी सामने आई है। माना जा रहा है कि कनार्टक में घोषित-अघोषित रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी भाजपा का सहयोग किया। राजस्थान में भी संघ चुनावों में मदद कर सके। अभी ऐसा माहोल नहीं है। ऐसे में संघ के स्वयं सेवकों की नाराजगी दूर करना भी एक बड़ा काम होगा, जो भाजपा को करना है।
प्रदेश में सरकार और संघ की दूरिया जगजाहिर है। सरकार बनने के बाद सबसे पहले जयपुर में मंदिर प्रकरण हुआ। उससे संघ सड़कों पर ही आ गया था। झालावाड़ समेत प्रदेश के कई जिलों में संघ की सरकार के प्रति नाराजगी सामने आई है। माना जा रहा है कि कनार्टक में घोषित-अघोषित रूप से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी भाजपा का सहयोग किया। राजस्थान में भी संघ चुनावों में मदद कर सके। अभी ऐसा माहोल नहीं है। ऐसे में संघ के स्वयं सेवकों की नाराजगी दूर करना भी एक बड़ा काम होगा, जो भाजपा को करना है।