कालवी ने शनिवार को कहा कि जो मांग और मुद्दे हम पिछले दो साल से उठाते आ रहे हैं, वे अभी भी हवा में तैर रहे हैं। उन पर सुनवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि आनंदपाल प्रकरण में 115 में दर्ज नामजद 12 हजार लोगों के मुकदमों को जल्द वापिस लिया जाए साथ ही पद्मावत मामले में 168 के तहत लगे मुकदमों में अभी भी 53 पेडिंग हैं, जिन्हें वापिस लिया जाए। इसके अलावा कालवी ने तीन मुद्दे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, आरक्षण समीक्षा और एससी—एसटी एक्ट संसोधन को पूरा करने की मांग की। कालवी ने कहा कि ये सभी मांगे केन्द्र से जुड़ी हैं, इसीलिए केन्द्र सरकार इनको ज्लद से जल्द पूरा करें।
लहर किसी की नहीं थी, समाज का कहर था
कालवी ने कहा कि आनंदपाल प्रकरण, पद्मावत मामले में करणी सेना सरकार का विरोध किया और कमल का फूल हमारी भूल का नारा दिया। इसी का नजीता था कि भाजपा सत्ता में नहीं आ सकी। राज्य में कांग्रेस की भी लहर नहीं थी। ये समाज का कहर था, जो चुनावों में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि हमारा ना तो कांग्रेस से प्रेम है ना ही भाजपा से। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो हमारी बात नहीं रखेगा वह राजस्थान पर राज नहीं करेगा।
कालवी ने कहा कि आनंदपाल प्रकरण, पद्मावत मामले में करणी सेना सरकार का विरोध किया और कमल का फूल हमारी भूल का नारा दिया। इसी का नजीता था कि भाजपा सत्ता में नहीं आ सकी। राज्य में कांग्रेस की भी लहर नहीं थी। ये समाज का कहर था, जो चुनावों में देखने को मिला। उन्होंने कहा कि हमारा ना तो कांग्रेस से प्रेम है ना ही भाजपा से। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो हमारी बात नहीं रखेगा वह राजस्थान पर राज नहीं करेगा।
जयपुर महापौर सीट पर उठी मांग
वार्ता के दौरान करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ने जयपुर महापौर सीट पर राजपूत समाज के पार्षद को महापौर बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी भी समाज को राजी करने की मानसिकता है तो मेयर का पद समाज के पार्षद को दिया जाए। जयपुर में राजपूत समाज के कई पार्षद है।