खाशकर महिलाआें ने तारों की छांव में कार्तिक स्नान शुरू किया। इसके बाद मंदिरों में जाकर दीपदान किया। कार्तिक स्नान और दीपदान का यह सिलसिला पूरे एक माह चलेगा। गलता तीर्थ में कार्तिक स्नान के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। वहीं दान-पुण्य का दौर भी शुरू हो गया है। कार्तिक स्नान करने वालों ने मंदिरों में मंगला झांकी के दर्शन करना शुरू कर दिया है। मंदिरों मंे सुबह और शाम दीपदान किया जा रहा है। कार्तिक स्नान करने वाली महिलाएं मंगला झांकी में ठाकुरजी के दर्शन कर तुलसा और ठाकुरजी के परिक्रमा कर रही है। मंदिरों में मंगला झांकी से शृंगार झांकी तक भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। वहीं गलता तीर्थ में अलसुबह से ही स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ेगी। कार्तिक मास में कई व्रत-त्योहार आ रहे हैं। इसी माह में देव भी उठेंगे। इसके साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
ज्योतिषाचार्य चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि कार्तिक बहुत ही शुभ और पवित्र महीना माना जाता है, कार्तिक मास 14 अक्टूबर से 12 नवंबर तक रहेगा। कार्तिक के महीने में स्नान, दान और उपवास का महत्व बताया गया है। शास्त्रों में इस माह में भगवान शिव और विष्णु तथा कार्तिकेय और तुलसी की पूजा-अर्चना से विशेष फलदायक बताया गया है। कार्तिक महीने में सूर्य तुला राशि अर्थात अपनी नीच राशि में होते हैं, इसी कारण सूर्य की विशेष पूजा-अर्चना से मान-सम्मान की प्राप्ति की जा सकती हैं, कार्तिक के महीने में सूर्य उदय होने से पहले का स्नान और पूजा विशेष फलदायी होती है।
प्रमुख व्रत-त्योहार करवा चौथ – 17 अक्टूबर
अहोई अष्टमी – 21 अक्टूबर
धनवंतरि जयंती, धनतेरस – 25 अक्टूबर
रूप चौदस – 26 अक्टूबर
दीपावली – 27 अक्टूबर
गोवर्धन पूजा – 28 अक्टूबर
भैया दूज – 29 अक्टूबर
गोपाष्टमी – 4 नवम्बर
आंवला नवमीं – 5 नवम्बर
देव उठनी एकादशी – 8 नवम्बर
देव दीपावली – 12 नवम्बर