ज्योतिषाचार्य पंडित एम कुमार शर्मा बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान की भी परंपरा है। कार्तिक पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यही कारण है कि नए व्यवसाय, शिलान्यास, मांगलिक कार्यों आदि की शुरुआत के लिए भी यह बहुत अच्छा मुहूर्त माना जाता है।
हिन्दू धर्मग्रंथों में इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से उल्लेखित किया गया है। मान्यता है कि त्रिपुरासुर के वध का दिन होने से ही इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा या त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली भी कहा जाता है. इससे भी एक पौराणिक कथा जुड़ी ह।
कथा के अनुसार दानव त्रिपुरासुर ने देवताओं को परेशान कर रखा था। तब भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा पर त्रिपुरासुर का वध किया था। त्रिपुरासुर की मृत्यु और उसके आतंक से मुक्ति मिल जाने की खुशी में देवताओं देवताओं ने स्वर्ग में दीये जलाए थे। इसलिए इस दिन को देव दिवाली भी कहा जाता है।