इस खास व्रत के लिए महिलाओं ने पहले से तैयारियां शुरू कर दी हैं। क्या पहनना है और कैसे करवा चौथ के दिन सबसे सुंदर लगना है, इसकी तैयारियों में लगी हुई हैं। करवा चौथ से लिए ड्रेस के साथ साथ ज्वैलरी पर भी विशेष ध्यान देती हैं। इस बार करवा चौथ 17 अक्टूबर को है। इसके लिए मार्केट भी सज गए हैं।
श्रृंगार के साथ साथ व्रत पूजा के सामानों से भी बाजार सज गए हैं। जयपुर में बापू बाजार, इंदिरा बाजार, त्रिपोलिया बाजार, चांदपोल, मानसरोवर, बरकत नगर सहित सभी बाजार त्योहारी रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। एक दिन पूर्व आज महिलाएं मेहंदी रचाएंगी।
करवा चौथ पर पत्नियों को उपहार देने का प्रचलन बढऩे से बाजारों में करवा चौथ कार्ड व गिफ्ट की दुकानों पर रौनक दे रही है। पत्नियों ने जहां पूजा सामग्री एवं सोलह शृंगार का सामान खरीद रही है, वही पति भी उपहार खरीद खरीदने में व्यस्त नजर आ रहे हैं। बाजार में पूजन सामग्री, मिट्टी व चीनी के करवों की खूब बिक्री हो रही है।
मिट्टी-चीनी के करवे बनाने की तैयारियां करवा चौथ को लेकर कुंभकार भी जोर-शोर से करवा बनाने के काम में जुट गए हैं। कुंभकार ललित वर्मा ने बताया कि इस सुहाग पर्व पर सामान्य लौटे की तरह और पाइप वाले लौटे मुख्य रुप से पसंद किए जाते है। इसकी तैयारियां जारी हैं। त्योहार के अवसर पर कई हजार करवा तैयार किए जाते हैं।
ये बाजार में पांच रुपए से 15 रुपए की कीमत में बेचे जाते हैं। इसके तहत पहले मिट्टी को साफ कर चाक पर हाथों से स्वरूप दिया जाता है। इसके पश्चात इसमें मिट्टी कलर करके ढांचा तैयार कर इसे आग की सहायता से भट्टी पर पकाया जाता है। पूरी तरह पकने के बाद रंग भरकर बाजार में बेचने के लिए तैयार किया जाता है।
करवा चौथ की पूजन सामग्री करवा चौथ के व्रत की पूजा सामग्री में मिट्टी या चीनी का करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे प्रमुख हैं।