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पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद टिकी इंटरनेशनल कोर्ट पर

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2019 09:46:05 am

Submitted by:

Neeru Yadav

जम्मू-कश्मीर(Jammu & Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370)और 35 ए हटाए जाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान अब इंटरनेशनल कोर्ट (Icj)जाने की तैयारी कर रहा है। उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(United Nations Security Council )में भी इस मामले को उठाया लेकिन वहां उसे मुंह की खानी पड़ी। क्योंकि चीन को छोड़कर किसी भी देश ने इस मामले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया। अब पाकिस्तान को आखिरी उम्मीद केवल इंटरनेशनल कोर्ट ही नजर आ रही है।

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पाकिस्तान की आखिरी उम्मीद टिकी इंटरनेशनल कोर्ट पर

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35 ए हटाए जाने के बाद बौखलाया पाकिस्तान अब इंटरनेशनल कोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी इस मामले को उठाया लेकिन वहां उसे मुंह की खानी पड़ी। क्योंकि चीन को छोड़कर किसी भी देश ने इस मामले में दखल देने से साफ इनकार कर दिया। अब पाकिस्तान को आखिरी उम्मीद केवल इंटरनेशनल कोर्ट ही नजर आ रही है। पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अन्तर्राष्ट्रीय बनाने में लगा हुआ है लेकिन हर मोर्च पर उसे शिकस्त का सामना ही करना पड़ रहा है। केवल एक चीन है जो इस मसले में पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आ रहा है, लेकिन इंडिया की कूटनीति के चलते चीन भी खुद को बेबस ही पा रहा है।
उधर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई राजदूत सईद अकबरूद्दीन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 हटाना भारत का इंटरनल मामला है। कश्मीर मसले पर बाहरी लोगों का किसी भी तरह से कोई सरोकार नहीं होना चाहिए। उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बौखलाहट साफ सामने आ रही है। हर मोर्चे में मिल रही हार उनके बयानों से झलक रही है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान बातचीत का विरोधी नहीं है लेकिन इस मसले में भारत-पाकिस्तान के अलावा कश्मीरियों का तीसरा पक्ष भी शामिल होना चाहिए। उन्होने भारत सरकार पर कश्मीर के प्रति निर्दयी होने का आरोप लगाया। शाह ने कहा कि वह ऐसी सरकार और मौजूदा वातावरण में भारत से बातचीत नहीं कर सकता।
आपको बता दें कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से मदद की गुहार लगाई थी और जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों की तैनाती पर अपनी बौखलाहट भी जाहिर की थी। भारत पर जम्मू कश्मीर में मानव अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। अब कश्मीर के हालात पर नजर ऱखने की गुहार लगाई थी। अब देखना यह है कि भारत पाकिस्तान के इस पैंतरे को किस तरह से लेकर चलता है, या पाकिस्तान को फिर से इंटरनेशनल कोर्ट में मुहं की खानी पड़ती है।
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