बोहरा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू
इससे पहले धारीवाल ने सदन को बताया कि राज्य सरकार ने पीड़ित महिला से अस्मत मांगने के आरोपी एसीपी कैलाश चंद बोहरा को निलंबित कर दिया है और बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। धारीवाल ने कहा कि पुलिस की स्थापना रक्षा के लिए की गई थी, लेकिन दुख की बात यह है कि कई बार ऐसे केसेज देखने को मिलते हैं, जहां पुलिस खुद इन्वोल्व होती है। क्राइम में इन्वोल्व होने के साथ पुलिस क्रिमिनल्स के साथ दोस्ती भी रखती है। इस तरह की घटना घटना पूरी सरकार, व्यवस्था के खिलाफ कलंक है। धारीवाल ने कहा कि सरकार ने प्रावधानों के मुताबिक बोहरा को बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दागियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस तरह की घटनाएं पूरे राजस्थान को शर्मसार करती है। पुलिस के कुछ दागी लोग हैं, इससे पूरी पुलिस की छवि खराब होती है। इस तरह के लोगों को निलंबित करने के बाद तब तक नौकरी में नहीं आने देना चाहिए, जब तक कोर्ट से अंतिम फैसला नहीं हो जाए। कटारिया ने कहा कि रक्षक भक्षक हो जाता है। इस तरह की घटना से पूरे राज्य की तोहीन हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग की छवि बनाने के लिए ऐसे पांच पचास दागियों को नौकरी से बर्खास्त किया जाए।
मुख्यमंत्री को भावना से अवगत करवाएं
सदन में कटारिया ने कहा कि बोहरा को फील्ड पोस्टिंग क्यों दी गई। उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी इस बारे में कहा। विपक्ष के हंगामे के बाद कटारिया ने कहा कि बोहरा को फील्ड पोस्टिंग देने के मामले की भी जांच करवा ली जाएगी। दागियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं देने की कटारिया की बात पर सभापति ने संसदीय मंत्री धारीवाल से कहा कि वे मुख्यमंत्री को नेता प्रतिपक्ष की भावना से अवगत करवाएं।