कावड़ की शुरुआत के पीछे ये कहानी पहली कावड़ यात्रा को लेकर अलग-अलग मान्यताएं है। लेकिन उत्तर भारत में भगवान परशुराम को पहला कावड़ माना जाता है। शास्त्रों की मानें तो भगवान परशुराम शिव उपासक बताए गए हैं। उन्होंने शिव की पूजा अर्चना के लिए भोलेनाथ का मंदिर बनवाया। इस बीच कांवड़ में गंगाजल भरकर पैदल चलकर शिव मंदिर पहुंचे और जलाभिशेक किया। इसके बाद से कावड़ यात्रा का दौर चल पड़ा, जहां श्रद्धालु गंगोत्री से जल पैदल लेकर शिवालयों तक पहुंचते हैं और जलाभिषेक करते हैं। दरअसल, कावड़ यात्रा गंगोत्री, हरिद्वार गौमुख, पुष्कर, गलता तीर्थ आदि स्थानों से जल लाकर शिवजी का अभिषेक करते हैं।