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Gangore festival : सुहागिनों ने सतर्कता से पूजीं गणगौर, आस्था के आगे हारा कोरोना!

locationजयपुरPublished: Mar 27, 2020 01:23:46 pm

Submitted by:

SAVITA VYAS

महिलाओं ने रखी सोशल डिस्टेंस, डिजिटल इंडिया का विकल्प चुनकर कोरोना से लड़ाई का नया रास्ता चुना

Gangore festival : सुहागिनों ने सतर्कता से पूजीं गणगौर, आस्था के आगे हारा कोरोना!

gangore pooja @jaipur

सविता व्यास, जयपुर

जयपुर। राजस्थान की महिलाओं का सबसे प्रिय और पसंदीदा लोकपर्व गणगौर आज मनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के डर के चलते गणगौर पर पहले जैसी रौनक नजर नहीं आ रही है। पूरे देश को 14 अप्रैल तक के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है। ऐसे में में सामाजिक, धार्मिक आयोजनों के लिए लोगों के जुटने पर रोक लगी है। इसके बाद भी महिलाओं के मन में आस्था चरम पर है। महिलाओं का कहना है कि मन में आस्था हो तो कहीं भी पूजा की जा सकती हैं। यहीं कारण है कि कामकाजी महिलाओं ने जहां डिजिटल इंडिया का विकल्प चुनकर वीडियो कॉलिंग कर गणगौर माता की पूजा की। वहीं अन्य महिलाओं ने सोशल डिस्टेंशन का ध्यान रखते हुए बाहर जाने की बजाय अपने घरों में ही पूजा की।
ड्यूटी के साथ मनाई गणगौर
कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण फि लहाल लोगों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी ड्यूटी है। इस काम में चौबीस घंटे पुलिस फ ोर्स जुटी हुई है। ड्यूटी के कारण पहले भी कई बार करवा चौथ के व्रत वीडियो कॉल कर खोले हैं। इस बार भी गणगौर की पूजा वीडियो कॉल के माध्यम से की हैं। वैसे भी गणगौर माता की पूजा-अर्चना परिवार की सुख-शांति और रक्षा को लेकर की जाती है। ऐसे में कोरोना के संकट से बचने के लिए जरूरी है कि घर से बाहर नहीं निकलें और घरों में भी सोशल डिस्टेंस बनाएं।
सुनीता मीणा, एडिशनल डीसीपी

घर में ही पूजी सोलह दिन की गणगौर
जयपुर में गणगौर पूजा का अलग ही क्रेज है। सुहागिन महिलाएं 16 दिन तक गणगौर माता की पूजा करती हैं। घर-घर में गणगौर के गीत गूंजते हैं। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते ऐसा माहौल नहीं है। फिर भी उत्साह में कोई नहीं है। इस बार घर में ही गणगौर माता को बिठाया है। उनके लिए घर में ही घेवर बनाए हैं। सासू मां के साथ घर में ही गणगौर माता की विधि-विधान से पूजा की हैं। वैसे भी बड़ों का साथ हो तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। पीएम नरेंद्र मोदी की अपील को मनाते हुए इस दौरान सोशल डिस्टेंस का भी विशेष ध्यान रखा है।
सु रभि गुप्ता, एस्ट्रोलोजिस्ट

मरीजों की सेवा ही सबसे बढ़ी पूजा
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते अस्पतालों की हालत खराब है। लोग कोरोना वायरस से डर के मारे अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर होने के नाते मरीजों की सेवा ही सबसे बडी पूजा है। हर साल तो पडोस में जाकर गणगौर माता की पूजा करती हूं, लेकिन इस बार घर में ही सासू मां के साथ जल्दी उठकर पूजा कर ली। वैसे भी इस बार सोशल डिस्टेंस रखना ज्यादा जरूरी है।
डॉ. कविता सिंघल, गायनिक

कोरोना का संहार करने की कामना की

गणगौर की पूजा में वैसे तो एक ही जगह परिवार की सभी महिलाएं शामिल होती हैंए तभी अच्छा लगता है। इस बार कोरोना के डर के चलते सभी ने अपने-अपने घर में ही पूजा की। सभी ने मां से कोरोना का संहार कर सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना की। मेडिकल फ ील्ड से जुड़ी होने कारण पूजा के दौरान पूरी सतर्कता और सावधानी बरती गई। सोशल डिस्टेंस के साथ-साथ सेनेटाइजर एवं मास्क लगाने का भी ध्यान रखा।
सरिता, काउंसलर, सांगानेरी गेट अस्पताल
पत्रिका की अपील का दिखा असर

महिलाओं ने कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सामाजिक दूरियां बनाते हुए इस साल गणगौर की पूजा को सामूहिक रूप से नहीं कर अपने घरों में ही गणगौर पूजन किया। गौरतलब है कि पत्रिका ने महिलाओं से घर में ही गणगौर पूजने की अपील की है।
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