विध्वंसकारी है यह…
सरकारी वकील का कहना था कि अधिक शराब सेवन से होने वाली बीमारी के इलाज के लिए शराब की नियंत्रित डोज देना स्वीकार्य प्रैक्टिस है। लॉक डाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण राज्य में कई मौत हो गई हैं। जस्टिस नांबियार ने सरकार के फैसले केा विध्वंसकारी बताते हुए कहा कि शराब के कारण बीमार होने वालों को शराब देने का सरकार का फैसला चिंताजनक है। मेडिकल लिटरेचर में ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है जो शराब के कारण बीमार होने वाले का इलाज शराब पिलाने से करने की बात करता हो।
छह लोगों ने की आत्महत्या…
डॉक्टरों का कहना था कि डॉक्टर शराब पीने के आदि लोगों को इलाज के तौर पर शराब पीने की सलाह देते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी और अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी। शराब के आदि व्यक्ति को शराब पीने की डॉक्टरी सलाह देना मेडिकल प्रोफेशन के मूल सिद्वांतों के ही खिलाफ है।
केरल में लॉक डाउन के दौरान शराब नहीं मिलने के कारण करीब छह लोगों ने आत्महत्या कर ली है। केरल सरकार ने ऐसे व्यक्तियों को शराब के आदि होने का डॉक्टरी सर्टिफिकेट लेने और इसके आधार पर शराब खरीदने के आदेश जारी किए थे।